दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
लखनऊ: अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव की नजदीकियां बढ़ने से सपा और प्रसपा से मेयर के टिकट के दावेदारों की धड़कन बढ़ गई है। शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने डेढ़ महीने पहले ही एक बैठक में मेयर पद के लिए प्रत्याशी की घोषणा कर दी थी। अब सपा में मेयर पद के दावेदारों को यह डर सता रहा है कि कहीं पार्टी चाचा के कैंडिडेट को मैदान में न उतार दे। ऐसे में ये दावेदार प्रदेश और राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यालय का भी चक्कर काट रहे हैं।
प्रसपा के प्रमुख महासचिव अजय त्रिपाठी मुन्ना को लखनऊ नगर निगम में मेयर पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था। अजय साल 2012 में भी सपा के समर्थन से मेयर का चुनाव लड़े थे, हालांकि पार्टी ने साइकल का सिंबल नहीं दिया था। इसके बाद भी उन्हें 24,000 वोट मिले थे। फिर प्रसपा बनने के बाद वह शिवपाल यादव के साथ चले गए। इससे पहले वह सपा में भी कई मुख्य पदों पर रह चुके हैं। ऐसे में उन्हें दोनों पार्टी के गठबंधन के बाद सबसे मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। उनका कहना है कि पार्टी आलाकमान का जो फैसला होगा उसे स्वीकार करेंगे।
डिंपल और अखिलेश से लगाई उम्मीद
सपा से मेयर पद के लिए नगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित अपने नाम की दावेदारी कर रहे हैं। तीन दिन पहले मैनपुरी लोकसभा चुनाव करवाने के बाद लौटे सुशील ने हाईकमान के सामने मेयर टिकट के लिए अपना नाम पेश कर दिया है। वहीं, पिछली बार मेयर पद की प्रत्याशी रहीं मीरा वर्धन भी फिर से दावा कर रही हैं। तीसरा नाम महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह का है। डिंपल यादव से नजदीकी और पार्टी में सक्रियता के कारण उनका दावा भी मजबूत माना जा रहा है। वहीं, केकेसी के छात्र नेता अमरपाल सिंह भी मेयर के टिकट के लिए पार्टी दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं।
Author: samachar
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