आर के मिश्रा की रिपोर्ट
गोण्डा। जनपद गोण्डा अन्तर्गत विकास खण्ड परसपुर क्षेत्र में धान फसल सहेजने के बाद किसान अब गेंहू की बुवाई को जुट गया है। खेतों की जुताई, समतल एवम् खेती किसानी में दिन रात मेहनत कर रहा है। उन्नतिशील गेंहू बीज, उर्वरक प्रबंधन को लेकर किसान की खेती का उपयुक्त समय है।
गेंहू बुवाई के समय खेतों में उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए उर्वरक यूरिया, डीएपी, जिंक, सल्फर, पोटाश आदि की खरीददारी को किसान जुटा हुआ है। गेंहू बीज के लिए बीज गोदाम एवम् उर्वरक के लिए किसान सहकारी समिति के गोदाम उर्वरक वितरक केंद्रों का चक्कर काट रहा है। इसके लिए उर्वरक पाने के लिए किसान सुबह से ही पक्तियों में जुट रहा है।
गेंहू बुवाई में आवश्यक उर्वरक की मात्रा उपयोग करने के लिए किसान को बड़े ही जद्दोजहद के बाद उर्वरक उपलब्ध हो पा रही है। हालांकि उर्वरक वितरण केन्द्र गोदामों पर उपलब्ध उर्वरक स्टॉक के अनुसार वितरण प्रणाली अपनाई जा रही है।
किसान शेषदत्त शुक्ला का कहना है खाद चाहिए तो आधी रात में आकर लाईन लगाओ,नही तो मिलेगा बाबाजी का ठेंगा।उन्होंने कहा कि गेंहू बुवाई का उपयुक्त समय नवंबर माह के अंतिम समय बीत रहा है। ऐसे में उर्वरक पाने के लिए सहकारी समिति के उर्वरक वितरण स्थल पर घंटों लाइन लगानी पड़ रही है। तब भी राम भरोसे है कि डीएपी मिलेगी या नही कोई गारण्टी नही है।
Author: samachar
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