सीमा शुक्ला की रिपोर्ट
ग्वालियर। शहर के भिंड रोड निवासी मेहताब सिंह गुर्जर ट्रांसपोर्टर हैं। उनका डीडी नगर में हरेन्द्र ट्रेडिंग नाम से कंपनी का दफ्तर है और इस कंपनी में बाल किशन साहू भी साझेदार हैं। कंपनी प्लास्टिंग पैकेजिंग मटेरियल की स्पलायर है। यहां प्रमोद गुर्जर व सुनील शर्मा कर्मचारी थे।
सोमवार सुबह कंपनी के कर्मचारी, कंपनी की कार हुंडई वरना MP07 CF-6430 से इंदरगगंज बैंक ऑफ बडौदा के लिए निकले थे। डिक्की में उन्होंने रुपयों से भरा कार्टन रख लिया। जिसमें 1.2 करोड़ रुपए थे, जबकि 30 लाख रुपए कार की सीट पर एक पिट्ठू बैग में रखे थे। लगभग 12 बजे जैसे ही यह कर्मचारी बैंक के पास छप्परवाला पुल से राजीव प्लाजा वाली गली में पहुंचे थे तभी वहां दो लुटेरों ने कट्टा अड़ाकर कार की डिक्की खुलवाई और रुपयों से भरा कार्टन लूटकर ले गए।
घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस ने घटना स्थल पर जांच शुरू की और CCTV कैमरों के फुटेज निकाले तो लुटेरों और कंपनी के ड्राइवर के बीच कुछ तालतेल नजर आया। जिसके बाद पुलिस ने बारी-बारी से पूछताछ की तो कुछ ही घंटों में पूरी लूट का खुलासा हो गया। जिसके बाद पुलिस ने सिर्फ 6 घंटे में ड्राइवर, दो लुटेरों सहित 3 को गिरफ्तार कर 1.2 करोड़ रुपए बरामद कर लिए हैं।
पांच साल की नौकरी, सात दिन की प्लानिंग और दो दिन पहले एक घंटे की रिहर्सल के बाद लूट 6 घंटे भी नहीं चली है। छह घंटे में पुलिस ने ड्राइवर सहित तीनों लुटेरों को गिरफ्तार कर पूरी रकम बरामद कर ली थी।
मंगलवार को तीनों लूट के तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट से मास्टर माइंड सहित दो को जेल भेज दिया है। एक को पुलिस थाने में लाकर पूछताछ कर रही है।
मंगलवार को इस लूटकांड के आरोपियों को पुलिस ने पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया है। तीनों में से कोर्ट ने लूट के मास्टर माइंड कंपनी के ड्राइवर प्रमोद गुर्जर और उसके साथी आकाश गुर्जर को जेल भेज दिया है, जबकि छोटू को पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस को कुछ और पॉइंट पर उससे पूछताछ करनी है।
नौसखिए थे लुटेरे, किसी का अपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला
शहर की सबसे बड़ी कैश लूट तीन नौसखिए दोस्तों ने मिलकर की थी। प्रमोद ने सात दिन पहले अपने दोस्त आकाश को यह कैश की बात बताई। इस पर उसने लूट का आइडिया दिया। इसके लिए उन्हें कट्टा चाहिए था। जिसके लिए उन्होंने छोटू को इसमें शामिल किया। तीनों का माइंड क्रीमिलन है, लेकिन कोई बड़ी वारदात उनके नाम अभी तक दर्ज नहीं थी। यही अनुभवहीनता के कारण पुलिस को उनको पकड़ने में कोई परेशानी नहीं हुई।
दो दिन पहले पहले रिहर्सल में ही कर गए थे चूक
कंपनी के कर्मचारी सहित उसके दोनों दोस्तों ने आनन-फानन में लूट की प्लानिंग की फिर वारदात से पहले एक रिहर्सल की। जो लूट से दो दिन पहले की गई। यहीं पहली चूक बदमाशों ने की। जो स्पॉट रिहर्सल के लिए चुना वहां CCTV कैमरे लगे थे। वहां तीनों रिकॉर्ड हुए थे। इसके बाद लूट के दिन चालक का वहां होना और लुटेरों के सामने बहुत ही आसानी से समर्पण करना दूसरी चूक थी। यहीं वह पकड़े गए थे।
Author: samachar
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