दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
दिल्ली का श्रद्धा हत्याकांड इन दिनों सुर्खियों में है। इस हत्याकांड में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। श्रद्धा की हत्या का आरोप उसके लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला पर है। पुलिस की मानें तो आफताब ने अपना जुर्म भी कुबूल कर लिया है। इस हत्याकांड को दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में एक किराए के मकान में अंजाम दिया गया। पुलिस के अनुसार आफताब ने अपने बयान में बताया कि श्रद्धा की हत्या के बाद उसने शव को बाथरूम में नहलाया। रात को शराब पीकर सो गया और फिर अगली सुबह उसने शव को काटने के लिए आरी खरीदी। उसने शव के 35 टुकड़े किए और अलग-अलग पॉलिथीन में रखा। इन पॉलिथीन को उसने फ्रिज में रखा, ताकि बदबू न आए। इसके बाद वह रात को दो बजे फ्रिज में रखे शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाने के लिए घर से निकलता था। उसने श्रद्धा के सिर को फ्रिज में सबसे बाहर रखा हुआ था और उसका चेहरा देखता रहता था। यह हत्याकांड इतना उलझा हुआ है कि इसकी तफ्तीश आसान नहीं है। शातिर आफदाब ने सबूत मिटाने की भरपूर कोशिश भी की और वह इस हत्याकांड को 6 महीने तक छिपाने में कामयाब भी रहा। आखिर 18 मई को हुई हत्या का खुलासा नवंबर में हुआ और यह मीडिया की सुर्खियों में छाया हुआ है। ऐसे कई और मामले सामने आ चुके हैं, जिन्होंने मीडिया की सुर्खियों में जगह बनाई और लंबे समय तक छाए रहे।
जेसिका लाल हत्याकांड
मॉडल जेसिका लाल नई दिल्ली के एक बार में सेलिब्रेटी बार टेंडर के तौर पर काम कर रही थी, जब 30 अप्रैल 1999 को उन्हें गोली मार दी गई। कांग्रेस नेता विनोद शर्मा के बेटे सिद्धार्थ वशिष्ट उर्फ मनु शर्मा पर जेसिका लाल को गोली मारने का आरोप लगा। हालांकि, साल 2006 में दिल्ली की एक निचली अदालत ने मनु शर्मा और अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने मनु शर्मा को जेसिका लाल हत्याकांड का दोषी माना और 20 दिसंबर 2006 को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
आरुषि तलवार हत्याकांड
दिल्ली से सटे नोएडा का आरुषि तलवार हत्याकांड भी लंबे समय तक मीडिया की सुर्खियों में छाया रहा। इस हत्याकांड पर फिल्म भी बन चुकी है। 14 वर्षीय आरुषि और उसके घर में सर्वेंट के तौर पर काम करने वाले 45 वर्षीय हेमराज की 15-16 मई 2008 की रात निर्मम हत्या कर दी गई। अगली सुबह आरुषि का शव उसके बेडरूम में मिला, जबकि घरेलू नौकर हेमराज गायब था। शुरुआत में आरुषि तलवार की हत्या का शक हेमराज पर ही गया, लेकिन बाद में हेमराज का शव छत पर पाया गया। इस डबल मर्डर केस में कई ट्विस्ट एंड टर्न आए और बाद में नवंबर 2013 में निचली अदालत ने आरुषि व हेमराज की हत्या के जुर्म में आरुषि के माता-पिता (राजेश और नुपुर तलवार) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। तलवार दंपत्ति ने निचली अदालत के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी और साल 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। नोएडा का यह दोहरा हत्याकांड आज भी अनसुलझा है।
नैना साहनी हत्याकांड
नैना साहनी हत्याकांड अपने आप में एक अनोखा हत्याकांड था, क्योंकि हत्या के बाद उसके शव को तंदूर में जला दिया गया था। यही वजह है कि इस मामले को तंदूर कांड के नाम से भी जाना जाता है। नैना साहनी की हत्या उनके ही पति सुशील शर्मा ने 2 जुलाई 1995 को गोली मारकर कर दी थी। सुशील शर्मा उस समय यूथ कांग्रेस नेता था। हत्या के बाद सुशील शर्मा ने नैना साहनी के शव को अशोक यात्री निवास रेस्त्रां बगिया के एक तंदूर में जला दिया था। इस तरह से हत्या और फिर शव को तंदूर में जलाने के केस का खुलासा होने के बाद यह मामला लंबे समय तक अखबारों की सुर्खियों में रहा। आरोपी सुशील शर्मा को निचली अदालत ने दोषी करार दिया। निचली अदालत के इस फैसले को बाद में दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने 8 अक्टूबर 2013 को सुशील शर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
भंवरी देवी मर्डर केस
भंवरी देवी हत्याकांड ने राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाकर रख दी थी। इसी के साथ यह हत्याकांड राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में भी छाया रहा। दरअसल भंवरी देवी राजस्थान के जोधपुर जिले में 36 वर्षीय एक सहायक नर्स और दायी थी। भंवरी देवी के उस समय सत्ता सुख भोग रहे कुछ राजनेताओं के साथ अवैध संबंध थे। यही नहीं भंवरी देवी पर आरोप था कि उसने राजनेताओं के साथ अपने यौन संबंधों की सीडी बना ली थी और बाद में उसने इन राजनेताओं को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। माना जाता है कि भंवरी देवी साल 2013 के विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की मांग कर रही थी। भंवरी देवी ने 24 अगस्त 2011 को कांग्रेस नेता और तत्कालीन कैबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा के साथ अपने संबंधों का एक वीडियो स्थानीय मीडिया में लीक कर दिया। 1 सितंबर 2011 को भंवरी देवी अचानक गायब हो गई, उसकी हत्या कर दी गई थी। सीबीआई ने इस मामले में महिपाल मदेरणा और एक अन्य कांग्रेस विधायक मलखान सिंह विश्नोई को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया। इस मामले पर भी डर्टी पॉलिटिक्स नाम से एक फिल्म बन चुकी है।
मधुमिता शुक्ला हत्याकांड
कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या 9 मई 2003 को हुई थी। उस समय मधुमिता शुक्ला का उत्तर प्रदेश के राजनीतिज्ञ अमरमणि त्रिपाठी के साथ अफेयर चल रहा था। मधुमिता शुक्ला के शव का पोस्ट मार्टम करने पर पता चला कि वह गर्भवती थीं और डीएनए जांच करने पर भ्रूण का डीएनए अमरमणि त्रिपाठी से मैच कर गया। देहरादून की निचली अदालत ने अमरमणि त्रिपाठी, उसकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी, भतीजा रोहित चतुर्वेदी सहित दो शूटरों संतोष राय व प्रकाश पांडेय को निचली अदालत ने दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई। अक्टूबर 2007 में नैनीताल हाईकोर्टन ने निचली अदालत के फैसले को सही बताते हुए उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा। एक कवयित्री और बाहुबली नेता से जुड़ा होने की वजह से यह मामला महीनों तक मीडिया में छाया रहा।
सैयद मोदी हत्याकांड
सैयद मोदी 1980 से 87 तक 8 बार के नेशनल बैडमिंटन चैंपियन थे। 28 जुलाई 1988 को उन्हें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में के.डी. सिंह बाबू स्टेडियम के बाहर गोली मार दी गई। देश एक होनहार बैडमिंटन खिलाड़ी की सरेआम स्टेडियम के बाहर हत्या होने पर मीडिया ने इस मुद्दे को लगातार जिंदा रखा। इस मामले में सैयद मोदी की पत्नी अमीता मोदी और उस समय उसके प्रेमी अमेठी के राजा संजय सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। राजाय संजय सिंह पूर्वांचल में कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं। पुलिस की चार्जशीट में अखिलेश सिंह, बलाई सिंह, अमर बहादुर सिंह, जितेंद्र सिंह उर्फ टिंकू और भगवती सिंह उर्फ पप्पू के भी नाम थे। अन्य आरोपियों की या तो सुनवाई के दौरान मौत हो गई, या उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया। बाद में अमीता मोदी और राजा संजय सिंह शादी कर ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसी साल यानी 29 जून 2022 को भगवती सिंह उर्फ पप्पू को इस मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई।
नोएडा का नृशंस निठारी हत्याकांड
नोएडा का यह नृशंस हत्याकांड उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिला स्थित निठारी गांव में बिजनेसमैन मोनिंदर सिंह पंढ़ेर के घर में हुआ। साल 2005 से 2006 के बीच इस घर में कई बच्चों की हत्या हुई। साल 2005 से 2006 के बीच निठारी गांव से एक के बाद एक कई बच्चे गायब होने की खबरें आईं। इनमें ज्यादातर लड़कियां थीं। ग्रामीणों को दिसंबर 2006 में मोनिंदर सिंह पंढ़ेर के घर डी5 के पीछे नरकंकाल मिले। इसकी सूचना पुलिस और अधिकारियों को दी गई और शक जाहिर किया गया कि यह पिछले दो साल में गायब हुए बच्चों में से किसी के हो सकते हैं। इस मामले में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से लेकर ऑर्गन ट्रेड और मानव मांस खाने तक कई एंगल आए और उन पर जांच हुई। इस मामले में गायब हुए अलग-अलग बच्चों से जुड़े केस में अलग-अलग सुनवाई हुई। बच्चों की हत्या के पांच आरोपों में से दो में मोनिंदर सिंह पंढ़ेर को दोषी करार दिया गया, जबकि उसके नौकर सुरिंदर कोली को 16 में से 10 मामलों में दोषी करार दिया गया और दोनों को ही मौत की सजा मिली। 7 सितंबर 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने सुरिंदर कोली की मौत की सजा को उम्र कैद में बदल दिया गया।
प्रमोद महाजन हत्याकांड
प्रमोद महाजन की जिस समय हत्या की गई, उस समय वह भाजपा के बड़े नेता थे और उनका भविष्य बहुत ही उज्ज्वल नजर आ रहा था। 22 अप्रैल 2006 को मुंबई के वर्ली स्थिति प्रमोद महाजन के घर पर उनके ही भाई प्रवीण महाजन ने पारिवारिक विवाद में गोली मार दी। विपक्ष के इतने बड़े नेता को उनके अपने ही भाई द्वारा गोली मारे जाने की खबर को मीडिया ने हाथोंहाथ लिया और यह खबर महीनों तक सुर्खियों में छायी रही। गोली लगने के 13 दिन बाद प्रमोद महाजन ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। साल 2007 में प्रवीण महाजन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। हालांकि, प्रवीण महाजन जब साल 2010 में पैरोल पर था, तब ब्रेन हेमरेज के कारण उसका निधन हो गया।
शिवानी भटनागर हत्याकांड
प्रमुख अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार रहीं शिवानी भटनागर का हत्याकांड भी लंबे समय पर अखबारों और टीवी चैनलों की हेडलाइन रहा। शिवानी की हत्या 23 जनवरी 1999 को हुई थी। इस मामले में आईपीएस अफसर आरके शर्मा का नाम सामने आया। पुलिस ने आरके शर्मा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और पुलिस के अनुसार रविकांत के शिवानी के साथ संबंध थे। शिवानी द्वारा रविकांत पर शादी के लिए दबाव बनाया जा रहा था, इसलिए उन्होंने गुंड़े भिजवाकर शिवानी की हत्या करवा दी। आरोपी आईपीएस रविकांत की पत्नी मधु ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया था कि असल में शिवानी के संबंध भाजपा नेता प्रमोद महाजन से थे और शिवानी ने उनके बेटे को भी जन्म दिया था। बात डीएनए टेस्ट तक भी पहुंची और प्रमोद महाजन इसके लिए तैयार भी हो गए, लेकिन पुलिस ने मधु के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया। प्रमोद महाजन के भाई प्रकाश महाजन ने इन आरोपों को महाजन परिवार को बदनाम करने की साजिश करार दिया। 12 अक्टूबर 2011 को दिल्ली हाई कोर्ट ने रविकांत शर्मा, श्री भगवान और सत्य प्रकाश को सबूतों के आभाव में बरी कर दिया, जबकि प्रदीप शर्मा को दोषी ठहराया गया।
प्रियदर्शिनी मट्टू केस
प्रियदर्शिनी मट्टू 25 वर्षीय लॉ स्टूडेंट थी, जो 23 जनवरी 1996 को अपने घर पर मृत पायी गई। उनके साथ बलात्कार भी हुआ था। यह मामला उस समय मीडिया की सुर्खियों में छाया रहता था। मामले में संतोष कुमार सिंह को आरोपी बनाया गया और उन पर रेप और हत्या का केस चला। 17 अक्टूबर 2006 को दिल्ली हाई कोर्ट ने संतोष कुमार सिंह को इन दोनों ही आरोपों में दोषी करार दिया और मौत की सजा दी गई। 6 अक्टूबर 2010 को सुप्रीम कोर्ट ने संतोष कुमार सिंह के मृत्युदंड को कम करके उम्रकैद में बदल दिया।
शीना बोरा हत्याकांड
यह अपनी तरह का अनोखा केस है. शीना बोरा 24 अप्रैल 2012 को शीना अचानक गायब हो गई। इसी दिन शीना के शौतेले भाई राहुल मुखर्जी को उसके फोन से ब्रेकअप का मैसेज आया। दरअसल शीना और राहुल एक-दूसरे को डेट कर रहे थे। शीना बोरा की मां इंद्राणी मुखर्जी ने बताया कि वह उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चली गई है। इंद्राणी मुखर्जी के इस बयान की वजह से ही शीना बोरा के गायब होने की रिपोर्ट कभी दर्ज ही नहीं हुई। शीना बोरा को आखिरी बार 24 अप्रैल 2012 को ही देखा गया था। अगस्त 2015 में मुंबई पुलिस ने शीना बोरा की मां इंद्राणी मुखर्जी, उसके सौतेले पिता पीटर मुखर्जी और इंद्राणी के ड्राइवर श्यामवर पिंटूराम राय को शीना बोरा के अपहरण, हत्या और उसके शव को जलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इंद्राणी के पूर्व पति संजीव खन्ना को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया और उसने अपना जुर्म कुबूल भी कर लिया। इस मामले में इंद्राणी मुखर्जी साढ़े 6 साल से जेल में थी और उन्हें जमानत मिली है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."