ठाकुर के के सिंह की रिपोर्ट
फरह। करवट बदलता मौसम किसानो की धड़कन बढ़ा रहा है। दो दिन से आसमां में बादल छाए हुए हैं। इससे पूर्व बरसात भी हुई है।
खेतों में सरसों और आलू की फसल बुवाई की जा रही है। हालाँकि इस बार बुवाई थोड़ा देरी से है। इसके पीछे पूर्व में हुई बरसात ही मानी जा रही है। किसानों का कहना है कि कुदरत उनके पीछे पड़ी है। हर बार उनको ही दयनीय स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
दो दिन पूर्व हवा और बारिश के झोंके किसान की हवा खराब कर गए। आशंकित किसान की रात करवट ले लेकर बमुश्किल कटी। दो दिन आसमान बादलों से घिरा है। किसान को चिंता सता रही है कि बरसात हो गई तो किए धरे पर पानी फिर जाएगा। बेरहम प्रकृति को दया कहाँ आती है?
किसानो का कहना है कि इससे सरसों की बुवाई खराब हो सकती है। खेत में पपड़ी आने से बीज़ का अंकुरण नहीं हो सकेगा, जो अभी बोये गए हैं। रवि की फसल से भी उनकी उम्मीदे क्षीण हो जाएंगी। उनके परिवारों को भूखा मरना पड़ेगा, किसान वीरू, निबोरीलाल, चंद्रपाल (इंद्र), प्रताप और घूरे लाल ने कहा ।
Author: samachar
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