Explore

Search

November 2, 2024 5:55 am

धार्मिक कथावाचक ने स्त्री की अति सुंदरता को ही उनका अवगुण बता दिया ; वीडियो ? देखिए

1 Views

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

मथुरा। कथावाचक अनिरुद्धाचार्य अपने बेतुके बोल से लोगों के निशाने पर हैं। उन्होंने माता सीता और द्रौपदी की अति सुंदरता को ही उनका अवगुण बता दिया। इसका एक वीडियो वायरल हुआ है। इस पर जनाक्रोश की बाढ़  आ गई है। कवि कुमार विश्वास ने भी इस पर तीखी टिप्पणी की है। गौरतलब है कि दमोह (मध्य प्रदेश) के रहने वाले अनिरुद्धाचार्य का वृंदावन में आश्रम है। उनके लाखों भक्त हैं। पहले भी वो महर्षि वाल्मीकि पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर समाज का विरोध झेल चुके हैं। अब उनका 25 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कथा के दौरान वे कह रहे हैं कि स्त्री का जरूरत से ज्यादा सुंदर होना दोष है। माता सीता का हरण क्यों हुआ?, क्योंकि वह जरूरत से ज्यादा सुंदर थीं। द्रौपदी की भरी सभा में साड़ी क्यों खींची गई? क्योंकि द्रौपदी भी जरूरत से ज्यादा सुंदर थीं।

इस वीडियो पर प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट किया कि यानी माता सीता के हरण, दुशासन द्वारा यज्ञसेनी के चीर-हरण के लिए वे पापी नहीं, हमारी माताएं दोषी थीं? उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए लिखा है कि समस्या ये है कि तथाकथित धर्म-संस्कृति रक्षक भी इस पर कुछ नहीं बोलेंगे, क्योंकि उनकी भावनाएं भी अपने विपक्षी राजनैतिक खेमों पर ही आहत होती हैं। यूपी में का बा गाने से चर्चित नेहा राठौर ने भी कथावाचक के बयान पर तीखी टिप्पणी की है।

 

हमने सही कहा, अति सर्वत्र वर्जते : अनिरुद्धाचार्य

अपने बयान को लेकर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने कहा- हां, हमने सही कहा है। माता सीता सुंदर थीं, इसके कारण हरण हुआ। रावण अति अभिमानी था जिसके कारण उसका मरण हुआ। हम अति सर्वत्र वर्जते की व्याख्या कर रहे हैं। अति हर जगह गलत है। इसी तरह अति सुंदरता गुण नहीं है, दोष है। क्या द्रौपदी और माता सीता अति सुंदर नहीं थीं। कुमार विश्वास तो उत्तर रामायण को नहीं मानते। वह कहते हैं कि रामजी ने सीता को निकाला है यह बात बाद में रामायण में जोड़ी गई हैं, जबकि यह यथार्थ है।

राम कथा प्रवक्ता संत विजय कौशल ने कहा कि सुंदरता कुरूपता परमात्मा की देन है इसे किसी कथा मंच से बोलना ठीक नहीं। राधारानी, माता लक्ष्मी, सीता, द्रोपदी जैसी देवियों पर यह लागू नहीं होता है। कथा मंच से जिस तरह माता सीता और द्रौपदी के साथ हुए घटनाक्रम को सुंदरता से जोड़ा गया है, वह धर्म विरुद्ध है।

अखाड़ा परिषद ब्रज प्रदेश महंत हरीशंकर दास नागा ने कहा कि कथा प्रवचन के दौरान भागवत प्रवक्ता द्वारा जिस तरह से स्त्री के अति सुंदर होने को गलत कहने के साथ-साथ सीता हरण और द्रौपदी के चीर हरण को भी इसके लिए जिम्मेदार बताया है वह गलत एवं निंदनीय है। कथा में स्त्री के प्रति इस तरह के अपमान को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."