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November 2, 2024 5:48 am

अस्पताल की कुव्यवस्था और गंदगियां देख भड़क उठे सीएमओ

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नौशाद अली की रिपोर्ट 

बलरामपुर। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुशील कुमार ने गुरुवार को संयुक्त जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सीएमएस कार्यालय के बगल गंदगी देखकर सीएमओ भड़क उठे। उन्होंने सीएमएस से कहा कि साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें। साथ ही अस्पताल में सफाई का जिम्मा संभाल रही प्राइम संस्था से स्पष्टीकरण तलब किया है। सीएमओ ने कहा कि अस्पताल में कई खामियां पाई गई हैं। बेहतर होगा अस्पताल प्रशासन समय से व्यवस्थाओं को दुरुस्त करा ले।

जिलाधिकारी डा. महेन्द्र कुमार के निर्देश पर सीएमओ डा. सुशील कुमार ने संयुक्त जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण केदौरान सीएमओ को अस्पताल में गंदगी मिली।

सीएमएस के चैम्बर के बगल गंदगी देखकर सीएमओ भड़क उठे। उन्होंने कहा कि जब अस्पताल का जिम्मेदार व्यक्ति ही सफाई के प्रति जागरूक नहीं है तो व्यवस्थाएं कैसे सुधरेंगी। उन्होंने सीएमएस डा. प्रवीन कुमार को सफाई व्यवस्था के लिए कड़े निर्देश दिए।

सीएमओ ने कहा कि प्रतिदिन अस्पताल के शौचालयों की साफ सफाई की जाए। परिसर स्वच्छ होना चाहिए। जगह जगह पान की पीक देखकर भी सीएमओ ने नाराजगी जताई। कहा कि दो दिवस के भीतर सफाई दुरुस्त हो जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ शौचालय काफी दिनों से खराब हैं। कई बार निर्देश देने के बावजूद सीएमएस उसे दुरुस्त नहीं करा रहे हैं यह घोर लापरवाही है।

उन्होंने डिजीटल एक्सरे सेंटर में हो रहे काम का भी अवलोकन किया। कहा कि समय से कार्य को कराया जाए। सीएमओ को क्वालिटी प्रबंधक डा. रुचि पाण्डेय ने अवगत कराया कि अस्पताल की साफ सफाई का जिम्मा प्राइम संस्था के लोग संभाल रहे हैं। इनकी लापरवाही को लेकर उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। बावजूद इसके कोई सुधार नहीं हो रहा है। जिस पर सीएमओ ने क्वालिटी प्रबंधक को निर्देश दिया कि संस्था व कर्मचारियों के विरुद्ध लिखे गए पत्र की कापी एडी को भी भेजी जाए।

सीएमओ ने कहा कि अस्पताल के चिकित्सक बाहर की जांच व दवाएं बिल्कुल न लिखें। पर्याप्त मात्रा में दवाएं स्टोर रूम में उपलब्ध हैं अगर किसी दवा की जरूरत है तो डिमांड की जाए।

सीएमओ ने यह भी बताया कि जिलाधिकारी संयुक्त जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर फिक्रमंद हैं वह भी जल्द ही निरीक्षण करेंगे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."