दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
फतेहपुर। शैक्षिक संवाद मंच की प्रकाशन योजना अंतर्गत शिक्षक साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय के संपादन में रुद्रादित्य प्रकाशन प्रयागराज से प्रकाशित रचनाधर्मी बेसिक शिक्षक-शिक्षिकाओं के साझा संग्रह ‘प्रकृति के आँगन में’ पुस्तक का लोकार्पण डायट सभागार में कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. गया प्रसाद सनेही, मुख्य अतिथि स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती (ओम घाट भिटौरा), विशिष्ट अतिथियों डायट प्रवक्ता विनय कुमार मिश्र, संजीव सिंह, केपी सिंह एवं संपादक प्रमोद दीक्षित मलय के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती ने कहा कि प्रकृति का आंगन माता की गोद की तरह होता है। जहां पोषण, स्नेह एवं प्रेम मिलता है। प्रकृति के आंगन में पुस्तक पर्यावरणीय चेतना को विस्तार देगी। फतेहपुर कभी नौ नदियों की जल धारा से समृद्ध था पर आज केवल पांच नदियां बची हैं। यह जल स्रोतों पर संकट का परिचायक है। हमें नदियों को बताना होगा।
लोकार्पण कार्यक्रम का आरंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। प्रतिमा उमराव ने वाणी वंदना प्रस्तुत की। तत्पश्चात अतिथियों एवं पुस्तक में शामिल रचनाकारों का बैज अलंकरण एवं अंगवस्त्र ओढ़ा कर स्वागत किया गया। स्वागत भाषण सीमा मिश्रा ने प्रस्तुत किया। अतिथियों द्वारा पुस्तक ‘प्रकृति के आंगन में’ का करतल ध्वनि के बीच लोकार्पण किया गया।
संपादक प्रमोद दीक्षित मलय ने शैक्षिक संवाद मंच की विकास यात्रा रखते हुए पुस्तक की रचना प्रक्रिया पर चर्चा की। आगे अतिथियों के उद्बोधन क्रम में डायट प्रवक्ता विनय कुमार मिश्र ने लोकार्पित पुस्तक को पर्यावरण के क्षेत्र में नवल प्रयोग बताया तो केपी सिंह ने शामिल रचनाकारों की रचनाओं को प्रकृति के साथ जीने की सच्ची राह कहा। डायट प्रवक्ता संजीव सिंह ने पुस्तक को प्रकृति के शोषण के विरुद्ध उठा एक प्रेरक स्वर कहा जिससे सभी लोग प्रकृति संरक्षण का संदेश ग्रहण करेंगे। अध्यक्ष डॉ. गया प्रसाद सनेही (प्राचार्य – श्री राममनोहर यादव डिग्री कालेज फतेहपुर) ने प्रकृति के पंच तत्वों में जल एवं वृक्षों को महत्वपूर्ण बताते हुए संग्रह की कविताओं को इस दिशा में सार्थक विचार बताया। आगे कहा कि सभी रचनाकारों ने अपने लेखों एवं कविताओं के माध्यम से लोक जागरण का काम किया है जो आगामी पीढ़ी का मार्गदर्शन करेंगी। सभी अतिथियों को सम्मान पत्र एवं स्मृति चिह्न भेंट किये गये और रचनाकारों को पुस्तक की सात-सात प्रतियां, प्रशस्ति पत्र भेंट कर उनके रचना कर्म को सराहा गया। कार्यक्रम का संचालन राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका गीता यादव एवं आभार प्रदर्शन डॉ. पूजा यादव ने किया। कार्यक्रम में सुनील सिंह (प्रधानाचार्य – राजकीय इंटर कालेज लतीफपुर, भिटौरा), दीक्षा मिश्रा, आसिया फारूकी, सीमा मिश्रा, प्रतिमा उमराव, गीता यादव, अभिलाषा गुप्ता, डॉ. पूजा यादव सहित डायट में अध्ययनरत डीएलएड के प्रशिक्षु उपस्थित रहे।
Author: samachar
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