Explore

Search
Close this search box.

Search

November 26, 2024 7:31 am

लेटेस्ट न्यूज़

अचानक खेत से निकली मूर्तियां तो उमर पड़ी अंधभक्तों की भीड़; पढ़िए रहस्य के पर्दे के पीछे की सच्चाई 

19 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

कानपुर: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, यहां एक युवक के द्वारा आस्था के नाम पर खिलवाड़ किया गया है। पिता-पुत्रों ने हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां ऑनलाइन मंगवाकर उन्हें खेत में गाड़ दी, उसके बाद लोगों को बताया कि खेत से 500 साल पुरानी मूर्तियां निकली हैं। जिसके बाद लोगों का जमावड़ा लग गया। लोगों ने प्रसाद के साथ चढ़ावा चढ़ाना शुरू कर दिया।

सोशल मीडिया पर खेत से मूर्तियां निकलने और पूजा करने खबर फैली तो मूर्तियां देख गांव के डिलीवरी मैन ने उन्हें पहचान लिया और आस्था के नाम पर खिलवाड़ करने वाले पिता-पुत्र के बारे में पुलिस को सूचना दे दी। इसी लड़के ने ऑनलाइन ऑर्डर की गई मूर्तियों को गांव के ही युवक के घर पहुंचाया था।

बता दें कि यह पूरा मामला जिले के  महमूदपुर का है। जहां के निवासी अशोक कुमार ने मंगलवार को अपने खेत की खुदाई के दौरान धार्मिक मूर्तियां निकलने का दावा किया। गांव व आसपास के लोग आस्था के नाम पर उसके खेत पर पहुंचने लगे। पूरे दिन सैकड़ों भक्तों ने पूजा की और फल-फूल के साथ ही पैसों का चढ़ावा भी चढ़ाने लगे।

खेत से पीली धातु की हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां निकलने की खबर पाकर आसीवन थाना प्रभारी व एसडीएम मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पुरातत्व विभाग के अफसरों को सूचना देकर मूर्तियों को अशोक के घर पर रखवा दिया और चले गए। दूसरे दिन बुधवार को अशोक के बेटे रवि गौतम, विजय गौतम ने मूर्तियों को उठाकर उसी खेत में खोदे गए गड्‌ढे के पास लाल रंग के कपड़े पर रख दिया। पिता व दोनों पुत्र झोले में प्रसाद लेकर बैठ गए। लोग चढ़ावा चढ़ाने पहुंचने लगे तो रवि ने सभी को प्रसाद बांटा।

वहीं इस मामले में पुलिस को फिर सूचना मिली कि लोग दोबारा खेत में मूर्तियों की पूजा कर रहे हैं। इसपर पुलिस पहुंची और लोगों की भीड़ देख शांत हो गई। यही नहीं शांति व्यवस्था बनाए रखने को एक पुलिसकर्मी वहीं पर तैनात कर दिया गया। लोग पुलिस के सामने मूर्तियों को चढ़ावा चढ़ाते रहे। अशोक के बेटे चढ़ावा अपने पास रखकर प्रसाद बांटते रहे।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़