दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बलरामपुर। डीएम अंकल प्लीज मेरे स्कूल जाने का रास्ता बनवा दीजिए। खेत के बीच से होकर गुजरने में हमें जहरीले जीवों का खतरा रहता है। पगडंडी के रास्ते से कटीले तारों के बीच से गुजरना पड़ता है। यह कहना उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में तुलसीपुर शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय विजयीडीह व नवाजपुर के बच्चों का है।
स्कूल तक जाने के लिए कोई रास्ता न होने से बच्चे कीचड़ और खेत की मेड़ से होकर स्कूल जाने को मजबूर हैं। वे कभी-कभी खेतों में लगे कटीले तार से चोटिल भी हो जाते हैं।
तुलसीपुर शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय विजयीडीह का निर्माण हुए 20 वर्ष से भी अधिक समय बीत चुका है। विद्यालय में बच्चों की अच्छी खासी संख्या है। आसपास गांव के बच्चे भी यहां शिक्षा ग्रहण करते हैं। मौजूदा समय में इस विद्यालय पर पंजीकृत बच्चों की संख्या 200 से अधिक है। इन्हें शिक्षा देने के लिए इंचार्ज प्रधानाध्यापक पंकज जायसवाल के साथ दो सहायक अध्यापक व दो शिक्षामित्र तैनात हैं। लेकिन बच्चों के लिए विद्यालय आने-जाने के लिए कोई रास्ता न होने से खेतों की मेढ़ों से होकर बच्चे विद्यालय पहुंचते हैं। खेत के बीच से गुजरने पर खेत मालिक की डांट भी सुननी पड़ती है।
इसी तरह प्राथमिक विद्यालय नवाजपुर में बच्चों की संख्या अधिक है। यहां इंचार्ज प्रधानाध्यापक के साथ दो सहायक अध्यापिका मौजूद हैं।
इन दोनों परिषदीय विद्यालयों पर बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को स्कूल पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है। बच्चे व शिक्षक पगडंडी और मेढ़ों से होकर विद्यालय पहुंचते हैं। वर्षाकाल में कीचड़ व जलभराव के चलते दिक्कतें बढ़ जाती हैं।
प्राथमिक विद्यालय विजयीडीह पहुंचने के लिए चकरोड अब खेत बन चुका है। कटीले तार बच्चों के लिए घटना के सबक बने हुए हैं।
प्राथमिक विद्यालय नवाजपुर में भी रास्ता न होने से खेत की मेड़ से होकर विद्यालय पहुंचना पड़ता है।
शिक्षकों ने बताया कि कई बार समस्या निस्तारण के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र दिया गया, लेकिन कोई कार्य नहीं हुआ।
Author: samachar
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