कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ। महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे पूर्व मंत्री नकुल दूबे और पूर्व MLC दीपक सिंह सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। तकरीबन 2 घंटे बाद पुलिस ने ईको गार्डन में लाकर सभी को छोड़ दिया।
लखनऊ में पूर्व मंत्री नकुल दुबे के घर के बाहर रात 2 बजे से पुलिस तैनात कर दी गई थी। नकुल दुबे ने कहा “ये लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला दिन है। क्योंकि विपक्ष के नेताओं के घर और कार्यालय के बाहर पुलिस का पहरा लगा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि “भाजपा की सरकार विपक्ष के नेताओं के घर पुलिस इसलिए भेज रही है। ताकि कांग्रेस जनसरोकार के मुद्दे ना उठा पाए। लेकिन वो जानते नहीं है कि कांग्रेस जनता के हर मुद्दे पर मुखर आवाज उठाएगी ये लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन है। जब भाजपा सरकार ने देश में अघोषित आपातकाल लगा रखा है। सरकार नहीं जानती कि हम जनता की आवाज आखिरी सांस तक उठाते रहेंगे और इस जुल्म और तानाशाही के खिलाफ लड़ते रहेंगे।”
राजधानी लखनऊ में कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए गुरुवार देर शाम को ही कार्यकर्ताओं के घर के बाहर पुलिस पहुंच गई थी। करीब दो दर्जन से ज्यादा कार्यकर्ताओं को नजरबंद कर दिया गया था। इसके अलावा शुक्रवार सुबह से ही कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय लखनऊ में पुलिस की तैनाती कर दी गई थी। राजभवन जाने वाले सभी रास्तों को चेक करने के लिए सादे ड्रेस और वर्दी में पुलिस तैनात हो गए थे।
ग्राम सभा, ब्लाक और जिला मुख्यालय में भी कांग्रेस देगी गिरफ्तारी
दूसरी तरफ यूपी के सभी जिलों में ग्राम स्तर से लेकर जिला स्तर तक कांग्रेस पार्टी के सभी निर्वाचित प्रतिनिधि अपने ब्लाक या जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करते हुए सामूहिक गिरफ्तारी दी। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रभाकर पाण्डेय ने बताया कि देश में बढ़ती महंगाई‚ रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है।
पेट्रोल-डीजल‚ एलपीजी से लेकर दालें‚ कुकिंग ऑयल जैसे जरूरी सामानों की कीमतें आसमान छू रहीं हैं। इससे आम जनमानस का जीना मुहाल हो गया है। प्री–पैक्ड अनाज‚ आटा‚ शहद‚ दही इत्यादि आवश्यक वस्तुओं पर अतार्तिक ढंग से जीएसटी लगाने के कारण महंगाई और बढ़ गई है। गांव‚ शहर‚ संगठित क्षेत्र में हर जगह बेरोजगारी ने विकराल रूप धारण कर रखा है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."