दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
आगरा शमसाबाद रोड स्थित राजेश्वर मंदिर का इतिहास तकरीबन 900 साल पुराना बताया जाता है। राजेश्वर मंदिर के महंत कालीचरण गोस्वामी, ट्रस्ट के अध्यक्ष डीके वशिष्ठ और उपाध्यक्ष विशाल शर्मा बताते हैं कि यहां शिवलिंग की स्थापना के पीछे किवदंती प्रचलित है, भगवान शिव के इस मंदिर को राजाखेड़ा के एक सेठ ने करीब 850 साल पहले स्थापित किया था। इस मंदिर की खास बात ये है कि यहां मौजूद शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है।
इस मंदिर और शिवलिंग को लेकर कथा प्रचलित है कि एक बार सेठ भगवान शिव का शिवलिंग लेकर बैलगाड़ी से जा रहा था। राजखेड़ा के पास मौजूद एक कुआं देख वो सेठ वहीं आराम करने लगा। इस दौरान भगवान शिव उसके सपने में आए और उन्हें वहीं स्थापित करने का आदेश दिया। सेठ नहीं माना और शिवलिंग को लेकर आगे जाने लगा लेकिन शिवलिंग वहां से हिला नहीं और वहीं स्थापित हो गया। तब से ये मंदिर यहीं मौजूद है।
शिवरात्रि और सावन के महीने में इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगती है। सावन के महीने में मंदिर में विशेष आरती का आयोजन किया जाता है। मंदिर के कपाट भी सुबह चार बजे से रात दस बजे तक भक्तों के लिए खुले रहते हैं।
सावन के महीने में इस मंदिर में पूजा का विशेष महत्व है। क्या आम और क्या खास, मंदिर में हर कोई बाबा के पास अपनी मन की मुराद लेकर आता है। पिछले दिनों संग्राम सिंह से शादी से पहले पायल रोहतगी भी ने भी इस मंदिर में पूजा अर्चना की थी।
इस मंदिर में कैसे पहुंच सकते हैं?
– अगर आप दिल्ली से आ रहे हैं तो दिल्ली से आगरा के बीच चलने वाली ट्रेन तीन घंटे में आपको यहां छोड़ देगी।
– इसके अलावा अगर आप हवाई मार्ग से आ रहे हैं तो आपको दिल्ली- आगरा-जयपुर कहीं से भी फ्लाइट मिल सकती है। फिर यहां पहुंचने में आपको एक घंटे से भी कम का समय लगेगा।
– अगर आप बस से या अपनी गाड़ी से आना चाहते हैं तो आपको दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस वे से सुविधा होगी। दिल्ली से आगरा पहुंचने में आपको चार से पांच घंटे का वक्त लगेगा।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."