ज़ीशान मेहदी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी गठबंधन में शुरू हुई बगावत थमने का नाम नहीं ले रही है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी प्रमुख ओपी राजभर के एक बयान ने अटकलें शुरू कर दी हैं कि वो बसपा के साथ जा सकते हैं। वहीं, जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव से राजभर को लेकर सवाल किया गया तो वो मीडिया पर भड़क गए और कहा कि पत्रकारिता कर रहे हो या किसी पॉलिटिकल पार्टी को चला रहे हो।
अखिलेश ने कहा कि इन पार्टियों को जो फैसला लेना है, वो ले सकती हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी अपने कार्यक्रमों से नहीं हटने वाली। उन्होंने राममनोहर लोहिया के सिद्धांत का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कहा है- अगर सिद्धांत के लिए मुझे अकेला भी खड़ा होना पड़ा, तो मैं खड़ा रहूंगा। ये बहुत सारे लोग समाजवादी के आंदोलन और कार्यक्रमों को नहीं समझ सकते हैं।
इसके बाद, जब अखिलेश से और सवाल जवाब किए गए तो वो उल्टा पत्रकार पर ही भड़क गए और बोले कि पत्रकारिता कर रहे हो या राजनीतिक दल चला रहे हैं। इतना कहकर अखिलेश ने फिर से बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि राजभर सोमवार को जब राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने पहुंचे तो उनसे अखिलेश को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पहले वो जवाब तो दे दें। राजभर ने कहा, “कहां न्यौता दे रहे हैं, कहां बुला रहे हैं। उनको वोट की कहां जरूरत है। उनको खुद नहीं पता है कि दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर गुजरता है। लखनऊ ने विपक्ष के लिए रास्त बंद कर दिया है।” वहीं, बसपा के साथ जाने के सवाल पर राजभर ने कहा कि पहले अखिलेश तो जवाब दे दें, उसके बाद ही तो आगे का पता चलेगा।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में अखिलेश यादव ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के पक्ष में मोर्चा संभाला हुआ है। तो वहीं, ओमप्रकाश राजभर ने एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि वो बीजेपी का नहीं मुर्मू का समर्थन कर रहे हैं और बीजेपी ने उनसे समर्थन मांगा है।
Author: samachar
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