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27 December 2024 5:10 pm

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रेवड़ी कल्चर से अलग देश में रोड बनाकर नए रेल रूट बनाकर लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का काम कर रही डबल इंजन सरकार

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

जलौन,  चित्रकूट से इटावा तक 14850 करोड़ रुपये की लागत से बने 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे [Bundelkhand Expressway] काे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बटन दबाते ही जनता को समर्पित कर दिया। यह एक्सप्रेस-वे सात जिलों से होकर गुजरा है और लोकार्पण का कार्यक्रम जालौन जिले के कैथरी गांव में बने टोल प्लाजा पर किया गया। प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते बुंदेलखंड के विकास में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से होने वाले लाभ गिनाए तो देश से रेवड़ी कल्चर हटाने की बात कही। वहीं उन्होंने देश के प्रत्येक गांव में 15 अगस्त तक आजादी की लड़ाई में बलिदान देने वाले क्रांतिकारियों के संघर्ष को याद करके अमृत महोत्सव मनाने की अपील की। बुंदेलखंड में अमृत सरोवरों के बनाने में कारसेवा और सहयोगी की अपक्षा भी की। 

लोकार्पण के लिए पांच किमी के दायरे में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को भव्य तरीके से सजाया गया। सुरक्षा की दृष्टि से चप्पे-चप्पे पुलिस व आरएएफ के जवानों की तैनाती रही। प्रधानमंत्री के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत मंत्री व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। पंडाल में अलग-अलग क्षेत्र से आए लोगों के बैठने के लिए अलग ब्लाक निर्धारित किए गए।  बने तीन पंडालों को 96 ब्लाक में बांटकर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोगों को बिठाया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा, झांसी की बेटी शैली जी ने कमाल करके दिखाया। लंबी कूद में सिल्वर मेडल जीता है, बुंदेलखंड युवा प्रतिभा से भरा हुआ है। यूपी ऐसे ही सुशासन के लिए यूपी में काम हो रहा है। अंत में उन्होंने अपील करते हुए कहा 15 अगस्त तक हिंदुस्तान के हर गांव में मनना चाहिये आजादी का महोत्सव। 

कुटीर उद्योग से सशक्त हो रहा मेक इन इंडिया

 बुंदेलखंड के लोगों से एक और आग्रह है कि अमृत सरोवर बनाने का निर्णय लिया है। यहां 75 अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं, इसके लिए गांव गांव कारसेवा का अभियान चलना चाहिये। यहां के कुटीर उद्योगों की भी ताकत है, मेक इन इंडिया इससे ही सशक्त होने वाला है। छोटे प्रयासों से कैसे बड़ा प्रभाव पड़ रहा है, इसका उदाहरण है कि भारत हर साल करोड़ों रुपये के खिलौने दुनिया के दूसरे देशों से मंगाता रहा है। जबकि भारत में खिलौने बनाना तो पारिवारिक और पारंपरिक व्यवसाय रहा है। इसे देखते हुए खिलौना उद्योग को नए सिरे से काम करने के लिए आग्रह किया था। कम समय में सरकार स्तर पर हमने काम किया, इसका नतीजा ये निकला कि आज विदेश से आने वाले खिलौनों की संख्या बहुत बड़ी मात्रा में कम हो गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा, देश में जहां भी डबल इंजन की सरकार है, वो विकास के लिए मेहनत कर रही है। डबल इंजन की सरकार मुफ्त की रेवड़ी बांटने का शार्ट कट नहीं अपना रही है, वो मेहनत करके विकास करने में जुटी है। देश का संतुलित विकास और छोटे कस्बो तक विकास व सुविधाओं का पहुंचना भी सामाजिक न्याय का काम है। यूपी के जिन जिलों को पिछड़ा मानकर छोड़ दिया गया था, वहां आज विकास हो रहा है, यह भी एक तरह का सामाजिक न्याय है। बुंदेलखंड के लोगों को भी हमारी सरकार के सामाजिक न्याय भरे कार्यों से बहुत लाभ हो रहा है। बुंदेलखंड की एक और चुनौती को कम करने के लिए हर घर तक पाइप से पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन पर काम कर रहे हैं। इसके तहत लाखों लोगों को पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है। माताओं और बहनों के जीवन में मुश्किलें कम हुई हैं। रतौली बांध परियोजना, भावनी बांध परियोजना ही है। केन बेतवा लिंक योजना के लिए हजारो करोडृ रुपये स्वीकृत किए जा चुके हैं। 

देश के सभी मतदाताओं को सम्मान और सुविधा देता हूं। आज पूरी दुनिया भारत को बहुत आशा से देख रही है, देश अपनी आजादी का 75 वर्ष पूरे होने का पर्व मना रहे हैं। इस वीर भूमि को हिंदुस्तान के गांवों से लोगों से प्रार्थना करता हूं कि आजादी का पर्व मना रहे हैं। इसके लिए हमारे पूर्वजों ने लड़ाई लड़ी, बलिदान दिया और संघर्ष किया। इसलिए 15 अगस्त तक हर गांव में कार्यक्रम हो, बलिदानियों को याद करें। आज भारत में ऐसा कोई काम नहीं होना चाहिये, जो बेहतर भविष्य से जुड़ा हुआ न हो। हम कोई भी नीति बनाएं इसके पीछे सबसे बड़ी सोच यही होनी चाहिये कि इससे देश का विकास और तेज होगा। हर वो बात जिससे देश को नुकसान होता है। देश का विकास प्रभावित होता है, उससे हमे हमेशा दूर रखना है। आजादी के 75 वर्ष बाद देश को विकास का बेहतरीन मौका मिला है, इसे गंवाना नहीं है। इस काल खंड में उसे नई उंचाई पर पहुंचाना है, नया भारत बनाना है। नए भारत के सामने ऐसी चुनौती है, जिसपर अगर ध्यान नहीं दिया तो युवाओं का बहुत नुकसान हो सकता है। आपका आज गुमराह हो जाएगा और आने वाला कल अंधेरे में सिमट जाएगा। मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने की भरसक कोशिश हो रही है, ये रेवड़ी कल्चर से युवाओं को सावधान रहने की जरूरत है। रेवड़ी कल्चर वाले नए एक्सप्रेस वे, नए एयरपोर्ट या डिफेंस कॉरीडोर नहीं बनाएंगे। रेवड़ी कल्चर को देश की राजनीति से हटाना है। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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