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November 1, 2024 9:55 pm

“मुझे पति और प्रेमी दोनों चाहिए” महिला की इस चाहत ने पुलिस को डाल दिया सांसत में; आखिर हुआ क्या? पढ़िए इस खबर को

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

औरैया। यूपी में पति-पत्नी और वो का किस्सा सामने आया है। यहां महिला अपने पति के साथ एक घर में रहती थी। इसी घर में महिला का प्रेमी भी रहता था। इसकी जानकारी उसके पति को नहीं थी। महिला दोनों में से किसी को भी छोड़ना नहीं चाह रही थी। महिला का प्रेमी उसके पति के काम में भी हाथ बंटाता था। एक दिन महिला का पति गांव में ही हो रही भागवत सुनने चला गया। घर में महिला और उसका प्रेमी था।

दोनों रंगरेलियां मना रहे थे। इसकी जानकारी किसी तरह उसके पति को हो गई तो वह रास्ते ही घर वापस आ गया। दोनों को संदिग्ध अवस्था में देखकर पति का खून खौल उठा। उसने दोनों की पिटाई लगा दी, इसके बाद तीनों थाने पहुंच गए।  पूछताछ में महिला पति और प्रेमी में से किसी को भी छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी। शनिवार की शाम 3 बजे तक उसे फैसला करने का वक्त मिला था। बात नहीं बनी तो पुलिस ने पति और प्रेमी दोनों का शांतिभंग में चालान कर दिया था।

मामला दो दिन पुराना है।  मैनपुरी जिले के औंछा गांव निवासी पति गांव में चल रही भागवत कथा को सुनने गया था। गांव के ही एक युवक की सूचना पर वह अचानक घर पहुंच गया। जहां उसने अपनी पत्नी को प्रेमी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया। जिसके बाद पति ने प्रेमी की तबीयत से धुनाई की और पति ने पुलिस बुला लिया। पुलिस तीनों को थाने ले आई। पुलिस पूछताछ में महिला ने बताया कि 13 वर्ष पहले उसकी शादी हुई है।

उसके 3 पुत्र एक पुत्री है। हालांकि 13 वर्ष से ही वह अपने प्रेमी से भी जुड़ी हुई है। तीन माह से प्रेमी पति के साथ ही उसके घर में रह रहा है। खेतीबाड़ी का काम निपटाता है। थाने में महिला के सामने पुलिस ने शर्त रखी कि वह प्रेमी के साथ जाएगी या पति के साथ तो वह दोनों के साथ ही रहने की जिद करने लगी।

तीन महीने से प्रेमिका और उसके पति के साथ रह रहा था प्रेमी

पुलिस पूछताछ में महिला ने बताया  तीन माह से प्रेमी पति के साथ ही उसके घर में रह रहा है। खेतीबाड़ी का काम निपटाता है। थाने में महिला के सामने पुलिस ने शर्त रखी कि वह प्रेमी के साथ जाएगी या पति के साथ तो वह दोनों के साथ ही रहने की जिद करने लगी। थाना प्रभारी सुरेश शर्मा ने पति और प्रेमी पर कार्रवाई करा दी।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."