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November 2, 2024 3:56 am

मिट्टी चोरो के आतंक से किसानो की नींद हराम ; पुलिस प्रशासन मौन

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

लखनऊ – सरोजनी नगर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत थाना बंथरा मे खुलेआम चल रहे अवैध मिट्टी के डंपरों से किसानों की नींद हराम कर रखी है।

थाना बंथरा क्षेत्र मे मिट्टी अवैध रूप से खुदाई जेसीबी के माध्यम से की जाती है।  इस क्षेत्र के कुछ रसूखदार लोग भी शामिल है। इसमे थाना बंथरा पुलिस भी चुप्पी दर्शाती है। इसलिए बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध खनन कारोबार पर अंकुश लगाने की वजह और मिट्टी चोरो को बढ़ावा मिल रहा है। जिस मे अहम भूमिका निभाने वाले राजस्व विभाग के लेखपाल से लेकर थाना बंथरा पुलिस की साठगांठ करके रसूखदारो के इशारे पर यह कार्य खूब जोर शोर से चल रहा है।

ऐसा ही मामला बंथरा कस्बे के पीड़ित किसान धर्मेंद्र कुमार गुप्ता पुत्र स्वर्गीय राम किशन गुप्ता निवासी बंथरा बाजार कानपुर रोड लखनऊ के द्वारा अपनी लिखित तहरीर में उप जिला अधिकारी सरोजनी नगर को सूचना दी थी कि मेरे निजी भूमि गाटा संख्या 280 मि0 स्थित ग्राम बंथरा सिकंदरपुर परगना बिजनौर तहसील सरोजनी नगर जिला लखनऊ के रहने वाले रामू सिंह पुत्र स्वर्गीय रामकुमार सिंह निवासी उमेद खेड़ा थाना बंथरा जनपद लखनऊ के खिलाफ 5 से 6 लोग अज्ञात व्यक्तियों के साथ पीड़ित किसान की खेत में जेसीबी मशीन के माध्यम से मिट्टी खोदकर डंपर से 900 घन मीटर मिट्टी खेत से चुरा ले गए। जिसकी प्रार्थी ने लिखित तहरीर उप जिला अधिकारी सरोजनी नगर के यहां संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायत की थी । इस पर उप जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह सरोजिनी नगर लखनऊ से पत्र संख्या 2368 sc-st एसडीएम दिनांक 29 12 2021 को प्रभारी निरीक्षक थाना बंथरा लखनऊ को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया था।

इस घटनाक्रम में प्रथम सूचना पर थाना बंथरा प्रभारी निरीक्षक के द्वारा रिपोर्ट दर्ज की गई जिसमें नाम दर्ज रिपोर्ट रामू सिंह पुत्र स्वर्गीय राम कुमार सिंह एवं 6 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया भा द स 1863 धारा 379 अधिनियम 1952(4) अधिनियम 1952(21) के तहत कार्रवाई चल रही है।

लेकिन योगी सरकार की पुलिस प्रशासन के ढुलमुल रवैए से अभी तक मिट्टी चोरो के खिलाफ कोई संतोषजनक कार्रवाई नही की जा सकी और मिट्टी अबैध खनन का कार्य जारी है पीड़ित किसान न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहा है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."