नौशाद अली की रिपोर्ट
बलरामपुर। टैक्सी स्टैंडों पर वाहनों से लिए जाने वाले शुल्क का बोर्ड के अनुसार इसमें जीप कार, टैक्सी व बस का शुल्क 90 रुपये निर्धारित है। ट्रक-ट्राली से 70, टैंपों से 25 व बुकिग वाहनों से 40 रुपये शुल्क निर्धारित है। ई-रिक्शा चालकों से 10 रुपये प्रतिदिन शुल्क निर्धारित है। नियमत: नगर क्षेत्र में व्यावसायिक लाभ लेने वाले वाहनों से ही स्टैंड के नाम पर शुल्क लिया जा सकता है। लेकिन यहां कुछ बात ही अलग है।
गैर जनपद से आने वाले वाहन यदि किसी ग्रामीण क्षेत्र व अन्य स्थानों पर जा रहे हों तो वसूली करने वाले ठेकेदार के गुर्गे उन्हें भी नहीं बख्शते। ठेकेदार के गुर्गे नियमों को धता बताकर 24 घंटे सभी वाहनों से जबरन खुलेआम अवैध वसूली करने में नहीं हिचकते। आलम यह है कि ई-रिक्शा चालकों से दोगुना शुल्क वसूल किया जा रहा है।
नगर पालिका परिषद ने विभिन्न मार्गों के लिए छह टैक्सी स्टैंड स्थल निर्धारित कर रखे हैं। फक्कड़दास चौराहा, मनकापुर मार्ग स्थित धुसवा स्टैंड, पचपेड़वा तिराहा, डुमरियागंज स्टैंड, मनकापुर बस स्टैंड व तुलसीपुर मार्ग नगर में प्रवेश करने वाले वाहनों से शुल्क वसूल किया जाता है। टैक्सी स्टैंड के ठेकेदार अपने गुर्गों को लगाकर वाहनों से वसूली करवा रहे हैं।
नगर पालिका प्रशासन ने चालू वित्तीय वर्ष में 41 लाख रुपये में टैक्सी स्टैंड की नीलामी की है। इसका ठेका मनकापुर गोंडा निवासी अवधराज सिंह को आवंटित किया गया है। जबकि वास्तविकता यह है कि ठेका किसी और के नाम से है और वसूली स्थानीय ठेकेदार करा रहा है। मूल ठेकेदार का वजूद सिर्फ कागजों तक सीमित है। अधिकारी सिर्फ कार्यवाही किए जाने का आश्वासन देकर अपना फर्ज पूरा करके किनारे हो जाते हैं और आम जनता बेवजह इन अवैध वसूली करने वालों के आगे अपना धन लुटाने को विवश होती रहती है।
Author: samachar
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