जीशान मेंहदी की रिपोर्ट
10 जून को उत्तर प्रदेश में हुए दंगे को लेकर ओपी राजभर का कहना है कि अगर पहले ही नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल पर कार्रवाई हो जाती तो प्रदेश में इस तरह का माहौल ना बनता। ओपी राजभर ने देश में हुए दंगे का ठीकरा नूपुर शर्मा पर फोड़ते हुए कहा कि जिन लोगों ने क़ानून अपने हाथ में लिया है, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। अब सरकार उन पर कार्रवाई कर रही है।
हरदोई में मीडिया से बात करते हुए ओपी राजभर ने कहा कि ‘अगर सरकार ने समय रहते उन पर कार्रवाई कर दी होती तो यह घटना नहीं होती। देश संविधान से चलता है, बुलडोजर से नहीं। नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया होता तो इस तरह का माहौल ना बनता।’ ओपी राजभर ने कहा कि आज प्रदेश भर में अराजकता का माहौल है।
सोशल मीडिया पर लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। सतोष कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘किस बात की कार्रवाई हो नूपुर शर्मा पर, शिवलिंग का मजाक जब उड़ाया जा रहा था, तब तुम क्या नशे में थे? उस पर तो एक शब्द नहीं निकला तुम्हारे मुंह से।’ अखिलेश चौधरी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जिसने हिन्दू देवताओं का अपमान किया, उसके खिलाफ किसी नेता या मीडिया में चर्चा नहीं! क्यों?’
गोपाल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अगर पिछले 70 सालों में दंगाईयों को सजा हुई होती, उनकी सरकारी सुविधाओं को छीना जाता तो आज भारत में इतने दंगे नहीं होते।’ रुद्रांश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘बाबा जी ने गर्मी उतारना शुरू कर दिया है।’ चेतन नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अगर सत्य और हिंदुत्व का साथ देने का आप में थोड़ा भी साहस होता तो आप आज विपक्ष में बैठकर बिना सर पैर की बातें नहीं कर रहे होते।’
मुकेश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इनका नंबर कब आएगा? योगी जी से भीख मंगवाने की बात बोली थी इन्होंने!’ अजय शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इतने दिनों से जो शिवलिंग के खिलाफ घिनौनी टिप्पणियां बकी जा रही थी। तब आपने अपना ज्ञान क्यों नहीं बखारा।’ जय राम नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अगर हिंदुओं और शिवलिंग का भद्दा मजाक बनाने वालों को गिरफ्तार किया होता तो नूपुर शर्मा का विवाद ही न छिड़ता, राजभर जी।’
बता दें कि नूपुर शर्मा के बयान के खिलाफ पहले कानपुर में दंगा हुआ। इसके बाद खाड़ी देशों ने नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई तो भाजपा ने अपने दोनों नेताओं पर कार्रवाई की। शुक्रवार को दोपहर बाद अचानक देश के कई राज्यों के कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन के नाम पर हंगामा हुआ। पत्थरबाजी हुई और अब पुलिस आरोपियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई कर रही है।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."