परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट
बीजेपी ने पार्टी प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। नूपुर शर्मा पर इस्लाम पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगा है। कहा जा रहा है कि इन्हीं के बयानों के कारण कानपुर में हिंसा भड़की थी।
विवादों के बाद पहले तो पार्टी ने सफाई दी थी, उसके बाद नूपुर शर्मा को छह साल के लिए प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया। उधर पार्टी ने दिल्ली बीजेपी के मीडिया हेड नवीन जिंदल को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। नवीन जिंदल पर भी विवादित बयान देने का आरोप है।
पार्टी ने क्या कहा– निलंबन पत्र में पार्टी की केंद्रीय अनुशासन समिति ने लिखा- “आपने विभिन्न मामलों पर पार्टी की स्थिति के विपरीत विचार व्यक्त किए हैं… आगे की जांच के लिए, आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी से और आपकी जिम्मेदारियों से निलंबित कर दिया जाता है।”
दरअसल जैसे ही नूपुर शर्मा के बयान कानपुर दंगों से जुड़ने लगे, बीजेपी असहज होने लगी। यही कारण था कि बीजेपी ने बिना नाम लिए ही इशारों-इशारों में नूपुर शर्मा के बयानों पर सफाई जारी की। एक बयान में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि भाजपा किसी भी ऐसी विचारधारा के खिलाफ है जो किसी भी संप्रदाय या धर्म का अपमान करती है। भाजपा ऐसे अपमान करने वाले लोगों का समर्थन भी नहीं करती है।
बता दें कि विवादों को शांत करने की कोशिश करते हुए भाजपा ने रविवार को कहा कि पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धार्मिक व्यक्ति के अपमान की कड़ी निंदा करती है।
भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच अपने एक बयान में कहा कि पार्टी किसी भी संप्रदाय या धर्म का अपमान या अपमान करने वाली किसी भी विचारधारा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसे लोगों को बढ़ावा नहीं देती है। हालांकि, भाजपा नेता ने अपने बयान में किसी भी घटना या टिप्पणी का कोई सीधा जिक्र नहीं किया।
अरुण सिंह ने कहा कि भारत के हजारों वर्षों के इतिहास में हर धर्म फला-फूला है। भाजपा सभी धर्मों का सम्मान करती है। भाजपा किसी भी धर्म के किसी भी धार्मिक व्यक्ति के अपमान की कड़ी निंदा करती है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को अपनी पसंद के किसी भी धर्म का पालन करने और हर धर्म का सम्मान करने का अधिकार देता है। बता दें कि नूपुर शर्मा की टिप्पणी का विपक्षी दलों और मुस्लिम समूहों ने विरोध किया है।
Author: samachar
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