मास्टर लालमन की रिपोर्ट
अतर्रा (बांदा)। शैक्षिक संवाद मंच की ओर से शिक्षक एवं वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय के संपादन में प्रकाश्य बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं के पर्यावरण परक लेख एवं कविताओं पर आधारित पुस्तक ‘प्रकृति के आंगन में’ का आवरण पृष्ठ गत दिवस वाट्सएप रचनाकार समूह में जारी किया गया। मनमोहक मुखपृष्ठ देखकर रचनाकारों ने हर्ष व्यक्त करते हुए संपादक को बधाई प्रेषित की है।
जानकारी देते हुए संपादक प्रमोद दीक्षित मलय ने बताया कि शैक्षिक संवाद मंच द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत साहित्यिक अभिरुचि सम्पन्न शिक्षक-शिक्षिकाओं की रचनाओं पर आधारित साझे संकलन प्रकाशित कर उनकी रचनाधर्मिता को प्रकट होने का अवसर दे रहा है।
इस प्रकाशन योजना में ‘प्रकृति के आंगन में’ चौथी पुस्तक है जो पर्यावरण मुद्दे पर आधारित लेख एवं कविताओं का संकलन है। इस पुस्तक में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कार्यरत एक सौ से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं की रचनाएं शामिल की गयी हैं।
संकलन की भूमिका प्रसिद्ध विज्ञानकथा लेखक पर्यावरणविद् देवेंद्र मेवाड़ी ने लिखी है और बाबूलाल दीक्षित (सेवानिवृत्त प्राचार्य, श्रीमन्नूलाल संस्कृत महाविद्यालय अतर्रा, बांदा) एवं व्यंग्यकार संतराम पांडेय (संपा- दैनिक जगत चर्चा, मेरठ) ने संकलन पर अभिमत प्रकट कर शुभकामनाएं दी हैं। पुस्तक का प्रकाशन रुद्रादित्य प्रकाशन, प्रयागराज द्वारा किया जा रहा है।
आगे बताया कि कोरोना संकट के दौरान गत वर्ष शैक्षिक संवाद मंच ने एक माह का वातावरण लोकशुद्धि अभियान लिया था। अभियान के दौरान संयोजक प्रमोद दीक्षित मलय ने पर्यावरण मुद्दे पर रचनाएं लिखवाई थीं। उन रचनाओं को ही ‘प्रकृति के आंगन में संकलित किया गया है।
कलाकार राज भगत द्वारा चित्रित पुस्तक का आवरण वाट्सएप पर बने रचनाकार समूह में गत दिवस संपादक द्वारा जारी किया गया। सोद्देश्य खूबसूरत आवरण को देखकर सभी ने प्रसन्नता व्यक्त की है।
विजय मेंहदी, मनीषदेव गुप्ता, सीमा मिश्रा, कुमुद, डॉ. पूजा यादव, अर्चना वर्मा, बिधु सिंह, आसिया फारूकी, अभिषेक कुमार, डॉ. श्रवण गुप्त, ऋतु श्रीवास्तव, रचना रानी शर्मा, अमिता सचान, डा. रचना सिंह, दुर्गेश्वर राय, शिवाली जायसवाल, आभा त्रिपाठी, पूजा पांडेय, डॉ. सुमन गुप्ता, ओमकार पाण्डेय, रेणु विकास, विवेक कुमार, कंचनबाला, रीना सिंह, कमलेश पांडेय, मीना भाटिया, डॉ. अनिल वर्मा, पायल मलिक, अनुराधा दोहरे, विवेक पाठक, रमा दुबे आदि ने पुस्तक की सफलता की शुभकामनाएं दी।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."