पुनीत नौटियाल की रिपोर्ट
मध्य प्रदेश के आलीराजपुर में एक अनोखा विवाह हुआ। यहां के एक पूर्व सरपंच ने एक ही मंडप में अपनी तीन प्रेमिकाओं से एक साथ शादी की। चारों करीब 15 साल से लिव इन में रह रहे थे। दूल्हे ने शादी के कार्ड में तीनों प्रेमिकाओं का नाम भी छपवाया। शादी में इनके छह बच्चे भी बाराती बने। समाज के लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचे।
नानपुर गांव (मोरीफलिया) के पूर्व सरपंच समरथ मौर्य ने अपनी तीन प्रेमिकाओं नान बाई, मेला और सकरी के साथ शादी की। समरथ को इन तीनों से अलग-अलग समय पर प्यार हुआ। वह 15 साल से अपनी तीनों प्रेमिकाओं के साथ रह रहा था। इस दौरान इनके 6 बच्चे भी हुए। 15 साल पहले समरथ की माली हालत अच्छी नहीं थी। इसलिए वह प्रेमिकाओं के साथ शादी नहीं कर पाया था। अब वो सक्षम है, उसके पास खेती-बाड़ी है। 30 अप्रैल और एक मई को आदिवासी रीति-रिवाज से उसने शादी की।
तीन पत्नियों से हैं छह बच्चे
समरथ मौर्य (35 साल) के पहली पत्नी नान बाई (33 साल) से 4 बच्चे हैं। इनमें 3 लड़की और 1 लड़का है। दूसरी पत्नी मेला बाई (29 साल) से 1 लड़का है। वहीं तीसरी पत्नी सकरी बाई (28 साल) से 1 लड़का है।
बिना शादी के समाज में नहीं थी मान्यता
आदिवासी भिलाला समुदाय में लिव इन में रहना और बच्चे करने की छूट है, लेकिन बिना शादी के परिवार के किसी भी सदस्य को मांगलिक कार्य में शामिल होने की इजाजत नहीं है। इसी के चलते समरथ ने अपनी 3 प्रेमिकाओं के साथ 15 साल बाद सात फेरे लिए।
संवैधानिक रूप से मान्य है शादी
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 342 आदिवासी रीति-रिवाज और विशिष्ट सामाजिक परंपराओं को संरक्षण देता है। इसलिए अनुच्छेद के मुताबिक नानपुर के समरथ का एक साथ तीन प्रेमिकाओं के साथ शादी करना गैर कानूनी नहीं है।
Author: samachar
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