दुर्गा प्रसाद शुक्ला और नौशाद अली की रिपोर्ट
वाराणसी। जिले में नि:संतान दंपती को संतान प्राप्ति के 100 प्रतिशत वादे के साथ खोले गए IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन ट्रीटमेंट) सेंटर द्वारा ट्रीटमेंट के नाम पर दर्जनों महिलाओं से धोखाधड़ी सामने आई है। इस मामले में नई दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मनिका खन्ना के खिलाफ कैंट पुलिस ने अमानत में खयानत और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस बाबत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे गए शिकायती पत्र के आधार पर कैंट पुलिस ने मामला दर्ज किया है। आरोप है कि प्रति महिला औसतन ढाई से तीन लाख रुपए वसूलने के बाद भी वाराणसी के सेंटर पर 53 लोगों में से कोई भी मां नहीं बन सकी। वजह पूछने पर अस्पताल द्वारा अमानवीय व्यवहार किया गया। शिकायतकर्ता बीके सिंह ने पीएम को लिखे शिकायती पत्र में 12 बिंदुओं को उठाते हुए बताया कि डॉ. मनिका दिल्ली की एक प्रतिष्ठित स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। नई दिल्ली के साथ ही देश में कई जगह उनके आइवीएफ सेंटर संचालित हो रहे हैं। वाराणसी में भी डॉ. मनिका का पांडेयपुर क्षेत्र में गौडियम आइवीएफ सेंटर है।
वर्ष 2019 में अलग-अलग शहरों से तकरीबन 53 लोग बच्चे की आस में अपने घर की महिला को उनके वाराणसी आइवीएफ सेंटर में ले आए। आरोप है कि उनके परिवार की महिला समेत वहां उपचार कराने पहुंची अन्य किसी भी महिला की बच्चे की आस पूरी नहीं हुई। वहां इलाजरत सभी का आइवीएफ ट्रीटमेंट तीनों बार फेल हो गया। कई महिलाओं की गलत ट्रीटमेंट के चलते हालत बिगड़ गयी। उन्हें अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया। बीके सिंह ने पत्र में आरोप लगाया कि हम सभी लोगों ने डॉ. मनिका से अपने-अपने मरीजों के इलाज का रिकॉर्ड मांगा तो पता चला कि किसी का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
आरोप है डॉ. मनिका के आइवीएफ ट्रीटमेंट सेंटर के बारे में जानकारी करने पर पता चला कि मानक के अनुरूप कोई प्रशिक्षित स्टाफ भी वहां नहीं नियुक्त है। जब पीड़ितों ने इसका विरोध किया तो आनन फानन में डॉ. मनिका खन्ना ने 22 सितंबर 2021 को पांडेयपुर स्थित अपना आइवीएफ ट्रीटमेंट सेंटर ही बंद कर दिया है। इस तरह से दो साल से ज्यादा समय तक हम सभी का शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण होने के साथ ही हमारा लंबा समय बर्बाद हुआ। इस बारे में जब पीड़ितों ने डॉ. से बात की गई तो उन्होंने अमानवीय व्यवहार करते हुए कहा कि मेरे पास ऐसी मशीन नहीं है कि इधर से मैटेरियल डालें और उधर से बच्चा निकल जाए…। उनकी इन बातों से नि:संतान दंपतियों को गहरा आघात पहुंचा।
बीके सिंह ने पत्र में यह भी जिक्र किय कि जब वह डॉ. मनिका का यहां वाला सेंटर बंद हो गया तो वह नई दिल्ली के जनकपुरी स्थित उनके आइवीएफ ट्रीटमेंट सेंटर गए तो हम लोगों से बात करने के बजाए अपने सेंटर से भगाने के लिए पुलिस बुला लिया।
पीड़ित ने आरोप लगाया कि सम्बंधित विभाग और पुलिस, प्रशासन में शिकायत का कोई असर नहीं हुआ तो पीएम को पत्र लिखकर गुहार लगाई है। उक्त शिकायती पत्र के आधार पर कैंट पुलिस ने धारा 420 व 406 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़ितों के अनुसार एक मशहूर अभिनेत्री उनकी ब्रांड अंबेसडर हैं और इस मामले में कई लोग उनसे प्रेरित विज्ञापन देखकर संस्था के संपर्क में आए थे।
Author: samachar
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