सुहानी राय की रिपोर्ट
उज्जैन। कार्तिक चौक में रहने वाले तिवारी परिवार के घर आई दुल्हन शादी के 3 दिन बाद लाखों रुपए के जेवर लेकर भाग गई। सुबह उठने पर जब परिवार वालों को दुल्हन नहीं दिखी और जेवरात भी गायब मिले, तो उन्होंने महाकाल थाने में रिपोर्ट लिखवाई। बताया जा रहा है कि आरोपी दुल्हन महाराष्ट्र से संचालित गैंग का हिस्सा है और लोगों को शादी के नाम पर चूना लगाने का काम करती है। फिलहाल लुटेरी दुल्हन फरार है, जबकि उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। महाकाल थाना टीआई मुनेंद्र गौतम ने बताया की तीनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। सभी पर फर्जी शादी और जेवरात लूटने का आरोप है। बिना शोरशराबे के हुई इस शादी में लड़की के परिवार से 6-7 लोग शामिल हुए थे। शादी के तीसरे दिन यानी 22 मार्च की देर रात लुटेरी दुल्हन अपने पति, सास, ससुर और देवर को घर में सोता छोड़कर फरार हो गई। वो अपने साथ घर में रखे 50 हजार कैश सहित चार सोने की चूड़ी, मंगल सूत्र और बिछुड़ी भी ले गई।
भागी दुल्हन को तलाशने गई महाकाल पुलिस गुरुवार को खाली हाथ लौट आई। पुलिस ने रिमांड पर चल रहे युवती के फर्जी मामा को जेल भेज दिया।
कार्तिक चौक निवासी सचिन तिवारी की महाराष्ट्र की चिंतामण मंदिर में निकिता नाम की युवती से शादी हुई थी। शादी के 72 घंटे बाद ही निकिता परिवार वालों को दूध में नशीला पदार्थ मिलाकर सास ससुर और देवर सहित पति को बेहोश कर नगदी व लाखों के जेवरात लेकर भाग गई थी। सचिन की मदद से शादी में निकिता के मामा बने विजय मूले,नकली भाई नारायण व ड्राइवर परमेश्वर को पुलिस ने गिरफ्तार किया ,लेकिन निकिता और लूट के माल का सुराग नहीं मिला था। पुलिस ने नारायण व परमेश्वर को जेल भेज विजय को तीन दिन के रिमांड पर लिया था। एसआई जयंत डामौर अन्य पुलिसकर्मी निकिता को खोजने के लिए गए थे। दो दिन की खोजबीन के बाद पुलिस निकिता के घर तो पहुंच गई, लेकिन लुटेरी दुल्हन निकिता का सुराग नहीं मिला ।
होस्टल से भी भागी थी लुटेरी दुल्हन
निकिता के माता-पिता महाराष्ट्र में मजदूरी करते है उज्जैन पुलिस जब वहां पहुंची तो निकिता तो घर पर नहीं मिली,लेकिन उसकी मॉ उषा और पिता सखाराम काफी परेशान दिखे। पिता ने बताया की निकिता उनकी बात नहीं सुनती उसे होस्टल में भेजा,लेकिन वहां से भाग गई और अब कहाँ है नहीं मालूम।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."