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10 January 2025 12:30 am

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पिता बैंक का एडवाइजर, चाचा मशहूर डाक्टर, दादा पूर्व जज और खुद इंजीनियरिंग के बाद बन गया उपद्रवी, पढ़िए अजीबोगरीब कहानी गोरखनाथ मंदिर हमलावर की

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात PAC और पुलिस जवानों पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी का कोई आम परिवार से नहीं है। उसके पिता कई बैंकों और मल्टीनेशनल कंपनियों के लीगल एडवाइजर हैं। चाचा डॉ. केए अब्बासी शहर के एक फेमस डॉक्टर हैं। वह सिविल लाइन पार्क रोड रोड स्थित अब्बासी नर्सिंग होम चलाते हैं। इतना ही नहीं, दादा गोरखपुर के जिला जज भी रह चुके हैं। उनके भाई का नाम शहर के नामी चार्टेड अकाउंटेंट्स में से एक रहा है।

मुर्तजा और उसका परिवार सिविल लाइंस में रहता है। मुर्तजा ने भी किसी मामूली संस्थान से नहीं बल्कि उसने IIT मुंबई से इंजीनियरिंग की है। यहां के स्टूडेंट्स बेहद शॉर्प और होनहार माने जाते हैं।

बचपन से मौत की बात करना पसंद था

IIT पास आउट मुर्तजा केमिकल इंजीनियरिंग तो है। उसके दिमाग में बचपन से ही मौत के ख्याल आते थे। इस बात का खुलासा पिता मुनीर अहमद अब्बासी ने किया है। मुनीर का दावा है कि उनके बेटे का सायक्याट्रिस्ट से इलाज चल रहा है। मुर्तजा भी ATS के सामने खुद को पागल साबित करने में लगा है। वह लगातार ATS अधिकारियों से उल्टी सीधी बातें कर रहा है। जब गोरखनाथ मंदिर पर हमले की बात आ रही है तो मुर्तजा पागलों जैसी हरकत करते हुए दूसरी बातें कर रहा है।

मेरे बेटे को मरने का शौक है!

पिता बताते हैं कि उसे बचपन से ही मरने का शौक था। कुछ दिन पहले हम लोगों ने उसे एक साइकिल दिलाई थी। जिसे चलाते वक्त वे बेहद खुश हो जाता था और कहता था कि दिल करता है कि किसी बड़ी सी कार में इसे लड़ा दूं, जिससे कि मैं मर जाऊं।

दो भाई- बहन में मुर्तजा छोटा है। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। उसके पिता ने बताया कि अप्रैल 2018 में मुर्तजा की शादी गाजीपुर में तय हुई थी। लेकिन, शादी के दिन तबीयत बिगड़ने पर लड़की वालों ने रिश्ता तोड़ दिया। इसके बाद 2020 में जौनपुर में शादी हुई। उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं होने की वजह से यह रिश्ता भी ज्यादा दिन नहीं चल सका। उसकी पत्नी ने उससे तलाक ले लिया।

गोरखपुर में नर्सरी, फिर नवी मुबंई में की पढ़ाई

परिवार के मुताबिक, मुर्तजा ने नर्सरी तक की पढ़ाई गोरखपुर में ही की थी। इसके बाद वे मुंबई चला गया। मुंबई में मुनीर का फ्लैट है। बीच- बीच में वे मुंबई जाते रहते थे। मुर्तजा यहां अकेले रहकर नवी मुंबई के डीएवी कॉलेज से उसने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। फिर 2015 में IIT से इंजीनियरिंग पास आउट किया।

इतना ही नहीं, पिता के मुताबिक बेटा का दिमागी इलाज चल रहा था, लेकिन दूसरी ओर वे लगातार गोरखपुर, मुंबई, कोयंबटूर, जामनगर और नेपाल की हवाई यात्राएं कर रहा था। ऐसे में क्या यह संभव है कि जो व्यक्ति दिमागी रूप से इतना गड़बड़ है कि वे गोरखनाथ मंदिर पर हमला कर सकता है तो वे हवाई यात्राएं कैसे कर रहा था। घटना वाले दिन भी उसका गोरखपुर से मुंबई जाने का इंडिगो एयरलाइंस से टिकट था। यानी कि हमले के बाद वे सीधा एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़कर मुंबई जाने वाला था।

मुर्तजा मानसिक रूप से बीमार नहीं, ATS को पूर्व पत्नी ने दिया बयान

मुर्तजा अब्बासी का कनेक्शन तलाशने के लिए ATS की एक टीम जौनपुर पहुंची है। जौनपुर के तारापुर कॉलोनी में मुर्तजा की ससुराल है। एटीएस टीम ने उसके ससुर और पूर्व बीवी सलमा से करीब एक घंटे तक पूछताछ की। सलमा ने बताया कि जैसा मुर्तजा के पिता मुनीर दावा कर रहे हैं कि उनके बेटे की मानसिक स्थिति नहीं है। यह बात गलत है। वह मानसिक रूप से बीमार नहीं है। वह धार्मिक तौर पर कट्‌टरता वाला था। ऐसा लगता था कि उसे अपनी पत्नी की कोई फिक्र ही नहीं है। उसके विचार काफी अलग थे। किसी भी बात में तालमेल नहीं बनता था। इन्हीं सब वजहों से उसने कुछ दिनों बाद रिश्ता तोड़ दिया।

सलमा ने बताया कि जब वह जामनगर से लौटी उसके बाद से उसकी कभी मुर्तजा से बात नहीं हुई। जून 2019 में मुर्तजा का सलमा से निकाह हुआ था। हालांकि ये निकाह ज्यादा दिन टिक नहीं सका। 3 महीने बाद दोनों का तलाक हो गया। निकाह के बाद मुर्तजा सिर्फ दो बार ही जौनपुर आया।

गोरखनाथ मंदिर पर हमले से खुली सुरक्षा की पोल, एजेंसीज के टॉप-16 में शामिल था मुर्तजा

गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हमले से ATS और मंदिर सुरक्षा की पोल भी खुल गई है। खुफिया एजेंसीज ने 31 मार्च को ही UP पुलिस को 16 संदिग्धों के प्रोफाइल भेजे थे। उनमें एक नाम मुर्तजा का भी था। मुर्तजा के पिता मुनीर ने दावा किया है कि उनके घर ATS के दो लोग पहुंचे भी थे। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ATS ने सिविल पुलिस के साथ डेटा शेयर नहीं किया?

मुर्तजा एक बांका लेकर मंदिर में सख्त सुरक्षा और ठीक सामने गोरखनाथ थाना होने के बाद भी अंदर घुस आया। इस दौरान वह 15 मिनट तक सड़क से लेकर मंदिर परिसर में तांडव मचाता रहा। जबकि वहां तैनात पुलिसकर्मी उससे खौफ खाकर भागते नजर आए। अगर उसके पास बंदूक या कोई घातक हथियार होता, तो बड़े हमले की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। वहां मौजूद पब्लिक और कुछ बहादुर पुलिसकर्मियों ने हिम्मत दिखाते हुए उसे नहीं पकड़ा होता, तो क्या होता?

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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