Explore

Search
Close this search box.

Search

23 February 2025 11:52 pm

लेटेस्ट न्यूज़

मां प्रेमी के साथ भागी, बाप ने इन दोनों बहनों को बेचने का सौदा कर दिया और समाज ने ऐसा किया कि उदाहरण बन गया

49 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

नवरात्र चल रहे हैं और सभी देवी मंदिरों में भीड़ है, लेकिन देवी पूजा सही अर्थों में कैसी होनी चाहिए ये घाटमपुर के नौबस्ता पश्चिमी मोहल्ले वालों ने साबित कर दिखाया है। यहां लोगों ने दो ऐसी गरीब बेटियों को अपनाकर सोमवार को शादी कराई, जिन्हें उनके माता-पिता ने ठुकरा दिया था। मां प्रेमी के साथ चली गई तो पिता ने 19 और 18 वर्ष की दो बेटियों को बेचने का सौदा तक कर लिया था, जिन्हें मोहल्ले वालों ने ही उन्हें बचाया।

नौबस्ता पश्चिमी निवासी सुरेंद्र कुमार सोमवार को मोहल्ले के तमाम लोगों की तरह बहुत व्यस्त थे। कारण, उनके मोहल्ले में सोमवार को दो बेटियों की बरात आई थीं। कोई बरातियों को नाश्ता करा रहा था तो कोई उन्हें पानी पिला रहा था। सभी घरों की महिलाएं दोनों दुल्हनों को तैयार करने में जुटी नजर आईं।

मोहल्ले में खुशहाली वाला खंडहरनुमा एक कमरे का टूटा-फूटा कच्चा घर सजा हुआ था, जो कभी सिसकियों और बदहाली का गवाह रहा। काम से थककर सुरेंद्र जब बैठते हैं तो उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं। पूछने पर लंबी सांस खींचते हुए बोले, पिछले साल बरसात से पहले इसी टूटे-फूटे घर में एक परिवार रहता था। परिवार में दो बेटियां थीं।

मजदूरी करके किसी तरह गुजर-बसर में अक्सर कलह और मारपीट भी होती। बरसात में जलभराव से घर डूबा तो बेटियों की मां एक दिन घर छोड़कर प्रेमी के साथ चली गई। इसके बाद पिता ने रिश्ते को शर्मसार करते हुए बेटियों को बेचने का फैसला कर लिया। कानपुर में सौदा हो गया। दोनों बेटियों ने पिता को फोन पर खुद को बेचे जाने की बात सुनी। पिता ने घर का सारा सामान बेच दिया। एक रात वह उन्हें कानपुर ले जाने के लिए तैयार करने लगा। बेटियां रोईं तो मारपीट की। आखिरकार बेटियों ने गली में निकलकर शोर मचाया तो पड़ोसी आए। इससे पहले पिता भाग गया और आज तक नहीं लौटा।

तब से दोनों बेटियों को मोहल्ले वाले ही पाल रहे थे। उन्हें अपने घरों में ही सुलाते थे। बेटियों की सहमति से पड़ोसियों ने उनकी शादी भी तय की। इसके बाद नगर में जिसने भी सुना बढ़-चढ़कर मदद की। कार्ड छपे और निवेदक की जगह लिखा गया सभी दानदाता। बड़ी बेटी की बरात मवई माधो गांव से आई तो छोटी बेटी की गिरसी के पास सरांय से। धूमधाम से बरात का सत्कार हुआ और बेटियों को विदा कर दिया गया।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़