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November 23, 2024 5:12 am

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निजीकरण के खिलाफ सौपा ज्ञापन

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विरेन्द्र हरखानी की रिपोर्ट

जोधपुर।  एस.डी.एम. जोधपुर को जिला कलेक्टर कार्यालय में निजीकरण के विरोध में एक दिवसीय प्रतिवाद प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया । सैंकडो कार्यकर्ताओं का निजीकरण के विरूद्ध आक्रोश चरम स्तर पर देखने को मिला ।

महेन्द्र नागोरी, प्रदेश महासचिव, चम्पा लालजी घारू, सम्भाग प्रभारी, श्रीमति कमला बुगालिया, सरंक्षक, श्री नथमल खीची, सम्भाग मीडिया प्रभारी, शांति चौहान, जिलाध्यक्ष, महिला विंग, ओमप्रकाश मेघवाल, शहर अध्यक्ष उतर, केलाश सामरिया, कोषाध्यक्ष, एडवोकेट आनन्द खीची, सुगनाराम दैय्या, बसंत कुमार राॅयल, सरंक्षक, जगदीश चौहान ने परिसंघ के प्रतिनिधिमंडल के रूप में शिरकत कर ज्ञापन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एंव मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ।

ज्ञापन में मांग की गई कि निजीकरण देश एवं वंचित वर्गों के हित में नहीं है। इससे चंद पूंजी पतियों का ही फायदा हो रहा है। पिछला अनुभव है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था स्वरूप लोक कल्याण के बजाय निजी कंपनिया लाभ होने पर ही कार्य करती हैं। यदि उन्हें नुकसान होता है तो वो उपक्रम भी छोड़कर भाग जाती हैं, जिससे समस्त वर्गों का शोषण भी हो रहा है जो कि देश हित में नहीं है । निजीकरण से देश के नागरिक भी मानसिक रूप से तनाव में रहते हैं, भारत जैसे प्रजातात्रिक देश में सार्वजनिक उपक्रमों का होना आवश्यक है। इसे निजी हाथों में न सौंपा जाये ऐसी परिसंघ ने मांग की । राष्ट्र व्यापी आंदोलन के तहत परिसंघ राजस्थान निम्न मांगो को देश के महामहिम राष्ट्रपति महोदय से जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत किया :-

1. निजीकरण तत्काल बंद किया जाये।
2.न्यायपालिका एवं सेना में आरक्षण लागू किया जाये।
3.संविदा एवं ठेका प्रथा तत्काल बंद किया जाएं।
4.नियमित नियुक्तियां दी जाकर रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्तियां की जाएं।
5.वंचित वर्गों के लिये पूर्व में दी जा रही आर्थिक सुविधायें जो बंद की गई है उन्हें पुनः लागू किया जाये जैसे कि किसानों की सब्सिडी बंद की गई है।

6.पदोन्नति में आरक्षण बहाल किया जाये ।
परिसंघ ने महामहिम राष्टपति महोदय से ज्ञापन द्वारा अनुरोध किया कि भारत सरकार निजीकरण को तत्काल बंद करने के आदेश जारी करें।

जिला कलेक्टर महोदय से अनुरोध किया कि उनके इस ज्ञापन को महामहिम राष्ट्रपति जी को प्रेषित कर संगठन को अवगत कराने का कष्ट करें ।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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