जावेद अंसारी की रिपोर्ट
लखनऊ। 56 दिन पहले लापता हुईं जयपुर की दो सगी बहनें लखनऊ में मिली हैं। दोनों निशातगंज पेपर मिल कॉलोनी में एक पीजी में कमरा लेकर रह रही थीं। दोनों लखनऊ में डोर-टू-डोर घरेलू सामान बेच रही थीं। उनकी चारबाग रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरते हुए CCTV फुटेज हाथ लगी थी, जो पुलिस के लिए अहम सुराग था। पिता के साथ बच्चियों को वापस जयपुर ले जाया जा रहा है। खास बात यह है दोनों ने घर से भागते समय तीन पर्चियां उछालकर लखनऊ को चुना था। जयपुर के IPS अजय पाल लांबा ने इस संबंध में एक मार्मिक पोस्ट की है।
अजय पाल ने लिखा, ‘आप सभी के सहयोग से गायब दोनों लड़कियां जयपुर पुलिस को लखनऊ में मिल गयी हैं। आप सभी के सहयोग के लिए धन्यवाद।’ उनकी यह पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है।
तबीयत खराब के बहाने लापता हुई थीं दोनों बहनें
पिता अवधेश पुरोहित ने बताया कि बेटी भावना (17) और रमा (16) बीते 3 फरवरी से लापता थीं। भावना 12वीं और रमा 11वीं की स्टूडेंट हैं। 3 फरवरी की सुबह वह अपनी दोनों बेटियों को करतारपुरा स्थित स्कूल छोड़कर आए थे। सुबह करीब 10:30 बजे दोनों बहने तबीयत खराब होने का बहाना करके स्कूल से निकल गईं। बेटियों ने कॉल करके घर पर बताया था कि वो स्कूल टीचर चांद के घर नीट पेपर के सवालों पर बात करने जा रहीं हैं। दोपहर 1:30 बजे तक वापस लौट आएंगी। जिसके बाद दोनों घर नहीं लौटीं।
टीचर को कॉल किया तो लखनऊ होने का चला पता
टीचर चांद से परिजनों ने संपर्क किया तो उसने बच्चियों के बारे में जानकारी नहीं होने की बताई। बेटियों का मोबाइल भी बंद था। दोनों बेटियों की महेश नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। अगले दिन चांद के मोबाइल पर शिवानी वर्मा नाम से भावना ने कॉल किया। नानी की तबीयत खराब होने की कहकर रुपए मांगे और कुछ देर बाद कॉल काट दिया। मोबाइल नंबर से संपर्क करने पर लखनऊ के टैक्सी ड्राइवर परशुराम यादव से बातचीत हुई। उसने गुमशुदा दोनों बहनों को ऑटो से चारबाग छोड़ना बताया। पुलिस टीम लखनऊ रवाना हो गई।
लखनऊ में दोनों बच्चियों की तलाश शुरू की गई। लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर दोनों बच्चियां ट्रेन से उतरकर जाते हुए दिखाई दी थीं। कुछ देर दोनों वेटिंग रूम में रूकी थीं। जिसके बाद निशातगंज पेपर मिल कॉलोनी में एक पीजी में कमरा लेकर रूकीं। पीजी के बाहर एक ऑटो में सवार होकर जाने की भी सीसीटीवी फुटेज पुलिस के हाथ लगे।
मामले की गम्भीरता को देखते हुए डीसीपी साउथ मृदुल कछावा भी दो दिन से लखनऊ में कैंप किए हुए थे। मंगलवार रात को पुलिस को जानकारी मिली कि बच्चियां लखनऊ में रहकर डोर डू डोर मार्केटिंग कर रही हैं। इस पर पुलिस मौके पर गई और बच्चियों को समझा-बुझाकर अपने साथ लेकर आई। बच्चियों के मिलने की जानकारी सबसे पहले डीसीपी साउथ मृदुल कछावा ने पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव को दी।
पूछताछ में सामने आया कि लखनऊ पहुंचने पर दोनों लड़कियों ने कई लोगों से मदद मांगी थी। एक ऑटो चालाक को कहा था कि वह बच्चों की पढ़ाई करा सकती है। अगर किसी बच्चे को ट्यूशन की जरूरत है तो वह दे सकती हैं। कुछ दिन पीजी में बिताने के बाद लड़कियों को डोर टू डोर सामान बेचने का काम मिल गया। सामान बिकने पर कुछ पैसा मिलने से वह अपने खाने-पीने का खर्चा उठा रही थीं। दोनों बच्चियों ने स्वयं घर से निकलने की बात पुलिस को अब तक बताई है।
पर्चियां उछालकर लखनऊ शहर को चुना था
दोनों बहनों की बरामदगी से संबंधित कुछ रोचक बातें भी आपको बताते हैं। घर छोड़ने से पहले दोनों बहनों ने तमिलनाडु, लखनऊ और मुंबई की पर्चियां बनाई थीं। पर्चियों को उछालने के बाद लखनऊ शहर का विकल्प आया। इसके बाद बहनों ने यहां आने की तैयारी की थी।
अब जबकि ये मालूम पड़ चुका था कि दोनों बहनें लखनऊ में हैं। लखनऊ पुलिस के सीबीसीआईडी के डीजीपी जीएल मीणा से परिवार ने संपर्क किया। जिसके बाद लखनऊ पुलिस ने वाट्सएप ग्रुप पर दोनों बहनों की जानकारी शेयर की थी। लखनऊ में टेढ़ी पुलिया के पास मुकुंद स्वीट्स पर देखने की सूचना मिली। आस-पास सर्च करने के लिए लखनऊ पुलिस स्कूटी पर गलियों में छानबीन कर रही थी। यहां एक निजी एजेंसी में दोनों बहनों की प्रोडेक्ट बेचने की पुष्टि हुई। जिसके बाद उन्हें बरामद किया जा सका।
Author: samachar
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