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November 26, 2024 2:06 am

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दुनिया को मोह माया से दूर रहने की सीख देने वाले कथावाचक की ऐसी करतूत पढ़कर आपका यकीन फिसलने लगेगा

12 पाठकों ने अब तक पढा

मृदुला चौधरी की रिपोर्ट

ग्वालियर। मैंने सोचा था पति कथा वाचक है मंच से लोगों को संस्कार की सीख देता है। नारी को शक्ति बताकर उसकी इज्जत करने के लिए कहता है तो मुझे भी अपने जीवन में वही सम्मान देगा, लेकिन मेरा यह भ्रम शादी के दूसरे ही दिन टूट गया। मोह माया त्यागने का प्रवचन देने वाला पति मायके से स्कॉर्पियो कार और 10 लाख रुपए लाने के लिए कहने लगा। यहां मेरे सारे सपने चूर-चूर हो गए, लेकिन हद उस समय हो गई एक दिन पति अपने चार शिष्यों को लेकर खड़ा हो गया और बोला कि इनके साथ सोना पड़ेगा। शिष्य भी मुझे अपने साथ पति जैसा व्यवहार करने के लिए कहने लगे। उस दिन मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई। मन में आया कि जान दे दूं, लेकिन फिर अपने लिए लड़के की मन में ठान ली। बार-बार यही सोचती हूं कि बाहर लोगों को प्रवचन देने वाला कथा वाचक पति के दिल में क्या है। जैसा कि पीड़िता काजल (बदला हुआ नाम) ने मीडिया को बताया।

यह है प्रताड़ना की पूरी दास्तान

– एसएसपी ऑफिस में मिली 26 वर्षीय काजल (बदला हुआ नाम) ने अपनी दास्तान सुनाते हुए बताया कि मेरी शादी 8 दिसंबर 2020 को हजीरा निवासी एक कथा वाचक राजेश (बदला हुआ नाम) के साथ हुई थी। शादी के समय तो वह बहुत सादा विचार और दहेज के खिलाफ होने की बात कहते थे, लेकिन उनका असली चेहरा शादी के दूसरे ही दिन दिखा। जब पति, सास, ससुर, ननद व दादा ससुर ने दहेज के लिए प्रताड़ना देना शुरू कर दिया। पर मैं सब कुछ सहती रही। कथावाचक पति का कहना था कि उसे दहेज में स्कॉर्पियो कार, 10 लाख रुपए और चाहिए। यह मांग पूरी नहीं कर सकती है तो उसे तलाक दे दे। यह देखकर मेरे शादी के बाद ससुराल में अपने भविष्य के जो सपने देखे थे वह चकनाचूर हो गए। पर इसके बाद भी सब कुछ सहन किया। 25 दिसंबर 2020 को भाई उसकी पहली विदा कराकर घर लेकर आया। पर इसके बाद उसे, पति व ससुराल से कोई लेने ही नहीं आया। कई बार फोन किया तो वह पूछते थे दहेज का इंतजाम हो गया क्या। जब लोग बातें बनाने लगे तो मेरा भाई 19 मार्च 2021 को ससुराल छोड़ आया पर उसके बाद भी प्रताड़ना कम नहीं हुई। मुझे खाना नहीं देते थे दवा भी नहीं दिलाई। मायके पक्ष ने बीच में समाज के लोगों को जोड़कर पंचायत लगाई महिला थाने में भी शिकायत की, लेकिन ससुराल पक्ष की प्रताड़ना कम नहीं हुई।

सब्र का बांध तब टूट गया जब शिष्यों के साथ सोने के लिए कहा

– पीड़िता ने पुलिस के सामने बताया कि वह ससुराल में मां-बाप की इज्जत के लिए सब कुछ सहती रही, लेकिन हद तब हो गई जब कथा वाचक ने पत्नी को दहेज न ला पाने की स्थिति में अपने चार शिष्यों के साथ सोने के लिए कह दिया। शिष्य भी कमरे में आकर महिला से पति जैसे संबंध बनाने के लिए कहने लगे। इसके बाद महिला ने ठान लिया कि अब वह चुप नही बैठेगी। पर उसका कहना है कि अभी भी वह चाहती है कि उसका पति समझ जाए और जो उपदेश वह मंच पर लोगों को देता है उसे अपने जीवन में चरितार्थ करे और मेरे साथ अच्छा सलूक करे।

कथा वाचक ने आरोप बताए झूठे

-इस मामले में कथा वाचक ने सारे आरोप गलत बताए हैं। उसका कहना है कि पत्नी जो भी आरोप लगा रही है वह गलत हैं। उसने कभी परेशान नहीं किया।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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