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19 January 2025 5:39 am

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लावारिस लाशें अगर बोलतीं तो हम सबसे सवाल करतीं, “मुझे किसने मारा ?”

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

मेरठ,   जनपद लावारिस लाशों की कब्रगाह बन गया है। हाल ही में हुई घटनाओं में पुलिस एक भी शव की पहचान नहीं कर पाई। क्योंकि इन वारदात का पर्दाफाश करने के लिए आवाज उठाने वाला कोई नहीं है। एसपी देहात का कहना है कि हर शव की पहचान को बड़ी जद्दोजहद की जाती है। यदि थंब मशीन पर अंगूठा लगाने से आधार कार्ड का पूरा रिकार्ड मिल जाए, तब शवों की पहचान करने में आसानी हो जाएगी। उन्होंने प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर अंगूठा लगाने से पूरा रिकार्ड सामने लाने की अपील की है।

लावारिस व्यक्ति या लाश की पहचान कराने के लिए पुलिस ने जिपनेट साफ्टवेयर तैयार किया था। इस पर प्रदेश और देश के सभी लावारिस लोगों और शवों के फोटो अपलोड किए जाते हैं। सवाल है कि जिपनेट की जनपद में कितनी मानीटरिग होती है। सिर्फ एक सेल के कर्मचारी ही जिपनेट को देखते हैं, जबकि इस साफ्टवेयर को देखने के लिए प्रत्येक थाने को अनिवार्य करना चाहिए। तभी जिपनेट पर अपलोड किए गए शवों के ब्योरे की पहचान हो सकती है। जनपद में लगातार मिल रहे लावारिस शवों की पहचान नहीं हो पा रही है। ऐसे में हत्यारोपितों तक पहुंचना नामुमकिन हो रहा है। रोहटा थाना क्षेत्र में मिले दो शवों के हाथ पर लालटू और लाल अधिकारी लिखा होने के बाद भी पहचान नहीं हो सकी। परतापुर के काशी गांव में तालाब के किनारे महिला और बच्चे का शव मिला था। बच्चा तो पुलिस के रिकार्ड तक में दर्ज नहीं किया गया है। यह है पहचान करने का नियम।

पुलिस के साफ्टवेयर जिपनेट पर लाशों के फोटो और कपड़े अपलोड करना। जोन के सभी जनपदों के थानों से वायरलेस सेट से लावारिस शवों के बारे में जानकारी देना। इंटरनेट मीडिया पर फोटो वायरल करना। थानों और सार्वजनिक स्थानों पर सभी शवों के पोस्टर लगा देना। थंब मशीन पर अंगूठे से हो जाएगी पहचान।

एसपी देहात केशव कुमार का कहना है कि यदि थंब मशीन पर अंगूठा लगाने से आधार कार्ड की पूरी डिटेल मिल जाए तभी शवों की पहचान हो पाती है। उन्होंने प्रदेश सरकार को इस संबंध में पत्र भी जारी किया है। ये शव ढूंढ रहे अपनी पहचान

– 11 मार्च को मुंडाली के जिसोरा में महिला की हत्या कर शव को जला दिया गया।

– 12 फरवरी को रोहटा के दिलावर जैनपुर मार्ग पर सौ मीटर के अंतराल में दो शव मिले थे। एक हाथ पर लालटू तो दूसरे के हाथ पर लाल अधिकारी लिखा था।

– 25 जनवरी को परतापुर के काशी गाव मे 24 घंटे अंतराल में तालाब के किनारे महिला और बच्चे के शव मिले थे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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