Explore

Search

November 2, 2024 3:09 pm

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं को किया गया जागरूक

3 Views

मुरारी पासवान की रिपोर्ट

कांडी : यह दिन महिलाओं की उपलब्धियों को सलाम करने का दिन है। इस दिन को महिलाओं की आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक तमाम उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। साथ ही उन्हें यह ऐहसास कराया जाता है कि वह हमारे लिए कितनी खास हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सबसे पहले 1909 में मनाया गया था। इसे आधिकारिक मान्यता तब दी गई जब 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने थीम के साथ इसे मनाना शुरू किया।

उक्त बातें अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मंगलवार को कांडी पंचायत भवन के समीप आयोजित महिला जागरुकता शिविर में जेएसएलपीएस के बीपीएम प्रदीप पाठक व कांडी से पंचायत समिति सदस्य उम्मीद्वार सत्या देवी ने कहीं।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे कांडी उतरी क्षेत्र से जिला पार्षद प्रत्याशी सुषमा कुमारी व युवा समाजसेवी दिनेश कुमार के साथ कांडी मुखिया विनोद प्रसाद ने संयुक्त रूप से फीता काटकर कार्यक्रम को शुभारंभ किया।

सम्बोधित करते हुए जेएसएलपीस बीपीएम प्रदीप पाठक ने कहा की कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को जागरुक करना है।

ताकि वे अपनी हक के लिए आवाज़ उठा सकें। आज महिलाएं नारी नहीं चिंगारी है अगर उन्हें अवसर मिले तो वो भी बड़े से बड़े पदों पर आसीन होकर देश का भाग्य विधाता साबित हो सकती है अब वह समय आ चुका है जब नारियों को अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा क्योंकि अधिकार मांगने से नहीं लड़ने से मिलता है।।

वहीं सैकड़ों महिलाओं के बिच संबोधित करते हुए जिप प्रत्याशी सुषमा कुमारी ने कहा की यह बात सही है कि महिलाएं हर क्षेत्र में परचम लहरा रही है। लेकिन यह भी कटु सत्य है कि आज भी कई जगहों पर उन्हें लैंगिक असमानता, भेदभाव झेलना पड़ता है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले आज भी आते हैं।

महिला के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में हमारा यह कत्तर्व्य है हम महिलाओं की स्थिति समाज में बेहतर बीबी बनाने को लेकर प्रयासरत रहने का संकल्प लें।

सुषमा ने कहीं की एक महिला होने के नाते महिला की कठिनाइयों को भलीभांति समझ सकती हूं कि वर्तमान परिवेश में महिलाओं को किन किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है आज कदम कदम पर उनके मान और सम्मान का हनन होने का खतरा निरंतर बना रहता है इसके लिए हम सभी महिलाओं को एकजुट होकर उसका प्रतिकार करना होगा एवं अपने हक और अधिकार के लिए सजग होकर कार्य करना होगा , वहीं वर्तमान परिवेश में महिलाओं में अपने हक एवंअधिकार के प्रति जागृति देखने को मिल रही है, साथ ही साथ उन्होंने दहेज प्रथा एवं घरेलू हिंसा विषय पर भी प्रकाश डाला।

मौके पर बीडीसी प्रत्याषी सत्या देवी ने कहा की साथियों! आज महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई हैं। हर क्षेत्र में वह मिसाल कायम कर रही हैं।

आज आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, खेल हर क्षेत्र महिलाओं की उपलब्धियों से भरा हुआ है। ये दिन इन्हीं उपलब्धियों को सलाम करने का दिन है। इसके अलावा इन दिन का मकसद महिलाओं के अधिकारों को लेकर जागरुकता फैलाना भी है ताकि उन्हें उनका हक मिल सके और वह पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें।

 

मौके पर रविरंजन कुमार सीसी, सत्या देवी जेआरपी, ममता देवी बीसी, अंजू देवी, मीना देवी, रूबी देवी, कंचन कुंवर, मंजू देवी , सुषमा कुमारी सहित काफ़ी संख्या में ग्रामीण महिला मौजूद रहे।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."