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November 23, 2024 9:44 am

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अनोखी भक्ति ; दो भाइयों ने कांवर पर बिठाया मां को और चल दिए उनको तीर्थाटन कराने

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

भगवान शिव की भक्ति के लिए भक्त अलग अलग तरीके से उनकी पूजा सेवा करता है। कोई उनका अभिषेक करता है, कोई प्रसाद चढ़ाता है तो कोई कांवर में गंगा जल लाकर उनका अभिषेक करता है। महाशिवरात्रि पर्व पर मथुरा में अलग ही नजारा देखने को मिला। यहां भगवान भोले की भक्ति में दो भाई अपनी मां को गंगा स्नान कराकर कांवर में बैठाकर कांवर यात्रा पर निकले हैं।

भगवान भोले के भक्त गंगा घाट से गंगा जल लेकर शिवालयों पर पहुंच रहे हैं। महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान शिव का अभिषेक करने के लिए सैंकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर गंगा जल ला रहे हैं। मथुरा के शिवालयों में महा शिवरात्रि से एक दिन पहले ही भक्तों की कतार लगी हुई है।

धार्मिक ग्रंथों में श्रवण कुमार का नाम सुना होगा। उन्होंने अपने माता-पिता को पालकी में विराजमान कर तीर्थ यात्रा कराई थी। ऐसा ही एक नजारा गोवर्धन के गांव अड़ींग में सोमबार को देखने को मिला। गांव हाथिया के रहने वाले मुकेश और हरिश्चंद्र अपनी अपनी बुजुर्ग मां को पालकी में बैठाकर जलाभिषेक करने पहुंचे। अपनी मां रामवती को बाकी घर वालों के साथ पालकी में बैठाकर अलीगढ़ स्थित रामघाट से कांवड़ लेकर आए।

पहले मां को कराया स्नान और फिर लिया गंगा जल

हथिया गांव के रहने वाले भाई मुकेश और हरिश्चंद ने गंगा जी पर पहले मां को स्नान कराया और उसके बाद भगवान शिव के अभिषेक के लिए गंगा जल लिया। इसके बाद दोनों भाइयों ने मां को कांवर में बनाई पालकी में बैठाया और फिर गंगाजल रखकर निकल पड़े भगवान शिव का जलाभिषेक करने। करीब डेढ़ सौ किलोमीटर की पैदल यात्रा करने के दौरान यह दोनों भाई जिस रास्ते से निकले उस रास्ते पर इनको देखने बाले इनकी मां और भगवान के प्रति भक्ति की तारीफ किये बिना नहीं रह सके।

बृज के चार महादेव पर चढ़ाते हैं जल

अलग अलग स्थानों से गंगा जल ले कर आने वाले कांवरिये बृज के 4 प्रमुख शिवालयों पर गंगा जल चढ़ाते हैं। कांवरिया गंगा जल लेकर सबसे पहले वृंदावन के गोपेस्वर पहुंचते हैं यहां भगवान शिव का गंगा जल से अभिषेक करने के बाद भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा पहुंचते हैं। जहां भूतेश्वर पर जल अर्पित करते हैं। इसके बाद कांवरिया गोवर्धन में चकलेस्वर और फिर राजस्थान के कामां में स्थित शिवालय पर जल चढ़ाते हैं। इसके बाद कांवरिया अपने गांव जाते हैं और वहां बने शिव मंदिर में जल चढ़ाकर अपनी यात्रा पूरी करते हैं।

ब्रज के रास्तों पर बनी कांवरियों की मानव श्रंखला

महा शिवरात्रि से पहले भगवान कृष्ण की नगरी में भगवान शिव के भक्तों ने ब्रज के हर रास्ते पर मानव श्रंखला बना दी। मथुरा से वृन्दावन , गोवर्धन राया जिस रास्ते पर नजर गयी वह रास्ता कांवरियों से भरा नजर आया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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