संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट- मां मंदाकिनी (पयस्वनी) नदी के पुनर्जीवन, अविरलता व निर्मलता को लेकर समाजसेवियों द्वारा अहिंसा मार्च की शुरुआत की गई है जिसमें सर्वोदय सेवा संस्थान के निदेशक अभिमन्यु भाई की अगुवाई में मां मंदाकिनी नदी को पुनर्जीवन देने हेतु अथक प्रयास किए जा रहे हैं।
मां मंदाकिनी नदी में फैली गंदगी को लेकर अभिमन्यु भाई ने कहा कि मां मंदाकिनी नदी से लगभग दो से तीन लाख लोगों को पीने का पानी मिल पा रहा है लेकिन गंदगी के कारण लोग गंदा पानी पीकर बीमार हो रहे हैं। मां मंदाकिनी नदी का पानी पीने वाले लोगों में जो लोग सामर्थ है वह आर ओ से फिल्टर कर पानी पीकर जीवन यापन कर रहे हैं, वहीं गरीब लोगों के पास पानी फिल्टर करने का कोई साधन नहीं होने के कारण दूषित व गंदा पानी पीने को मजबूर हैं ।
चित्रकूट आस्था का केंद्र है जहां पर हर माह श्रद्धालुओं का बड़ी मात्रा में आना जाना लगा रहता है लेकिन इस तीर्थ स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं को भी यही गंदा व दूषित पानी पीना पड़ता है लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
चित्रकूट जिला मुख्यालय के मां मंदाकिनी नदी के राजा साहब घाट के पास जल संस्थान का इंटेक वेल है, लेकिन इंटेक वेल के पास ही सीवर प्लांट बना दिया गया है जिसके कारण पानी और दूषित हो रहा है। वहीं मां मंदाकिनी नदी के जल का ठहराव होने के चलते गंदगी का अंबार लगा हुआ है । लोग इसी नदी के पानी में जानवर तक फेंक देते हैं जिसके कारण पानी और दूषित हो रहा है।
समाजसेवी अभिमन्यु भाई ने मांग की है कि मां मंदाकिनी नदी की सुरक्षा हेतु कानून बने व सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जाय व मां मंदाकिनी नदी का सीमांकन कराकर सुरक्षित देखभाल की जाए जिससे गंदगी न होने पाए। वहीं मां मंदाकिनी नदी को पुनर्जीवन देने के लिए सबसे पहले सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएं जिससे नालों का गंदा पानी नदी में न आ सके। वहीं बंधुईन बांध पर फाटक लगाए जाएं जिससे गंदा व दूषित पानी निकाला जा सके व लोगों को पीने के लिए अच्छा पानी मिल सके ।
वैसे तो समय समय पर समाजसेवियों द्वारा मां मंदाकिनी नदी की सफाई हेतु अभियान चलाए जाते रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन व नगर पालिका परिषद की लापरवाही व शहर के लापरवाह नागरिकों की मनमानी के चलते मां मंदाकिनी नदी का पानी गंदा व दूषित हो रहा है जिसमें हमें और आप लोगों को पीने का पानी गंदा व दूषित मिल रहा है। मां मंदाकिनी नदी में फैली गंदगी को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि वह दिन दूर नहीं जब लोग पानी की एक एक बूंद के लिए तरसेगे ।
Author: samachar
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