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November 22, 2024 11:38 pm

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भूखमरी की कगार पर पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय मछुआरों का परिवार ; उठी रिहाई की मांग

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

जौनपुर: आजीविका के सिलसिले में गुजरात में रह रहे उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले के आठ मछुआरे पिछले दिनों समुद्र के रास्ते भटक कर पाकिस्तान पहुंच गए। पाकिस्तान में इन्हें बंदी बनाये जाने की आशंका के मद्देनजर केन्द्रीय गृह मंत्रालय से इनकी रिहाई की मांग की गयी है।       

आजाद समाज पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी के माध्यम से मछुआरों की रिहाई के प्रयास तेज करने की केन्द्रीय गृह मंत्रालय से मांग की। पार्टी के वाराणसी मंडल के प्रभारी एसपी मानव ने मंगलवार को बताया कि मछलीशहर के चौबेपुर निवासी राजनाथ बिद, बसिरहा निवासी विनोद कुमार बिद, घुरहू बिद, नंदपुर निवासी लालमनि बिद, घघरिया निवासी राजनाथ, भदोही के सुरियावां भटेवरा निवासी नीरज, सुल्तानपुर लम्भुआ के चांदा निवासी सभाराज निषाद रोजी-रोटी के सिलसिले में अगस्त 2021 में गुजरात गए थे। जहां एक सेठ के पास नौकरी के तहत समुद्र में मछली मारने का काम करने लगे।       

उन्होंने बताया कि एक दिन मछली मारते हुए उनकी नाव भटक कर पाकिस्तान के बाडर्र में चली गई। पाकिस्तानी अधिकारियों ने इनको बंदी बना लिया। इस घटना की सूचना गुजरात के एक अखबार में प्रकाशित हुई। इसमें पीड़ितों के परिजनों को घटना की जानकारी उनके व्यवसायी मालिक के माध्यम से प्राप्त हुई। मानव ने बताया कि काफी समय बीत जाने के बाद भी पाकिस्तान सरकार ने इन पीड़ितों को रिहा नहीं किया है। इन लोगों के बंदी बनाए जाने से उनका परिवार भुखमरी के कगार पर आ चुका है। मानव द्वारा पीड़ति परिवारों की ओर से जिलाधिकारी को सौंपे गये ज्ञापन में बंदियों की पाकिस्तान से रिहाई के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की गयी है। जिससे इन लोगों की यथाशीघ्र रिहाई हो सके।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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