बीरेंद्र कुमार खत्री की रिपोर्ट
हसपुरा/औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले के हसपुरा प्रखंड अंतर्गत पीरु गांव में नेता जी स्मारक समिति पीरु के तत्वावधान में सोमवार को सुभाषचन्द्र बोस की 122 वीं जयंती पर ‘भारतीय संसदीय लोकतंत्र के चुनावों में लोकसभा, विधानसभा, शहरी निकायों से लेकर ग्राम पंचायत तक लगने वाले चुनावी मेलों में पूंजीवादी नंगा नाच का सिंहावलोकन’ विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्ष मंडल सदस्य रामाधार सिंह बेगाना, अमानुल्लाह अंसारी एवं गिरधारी प्रसाद मंडल ने संयुक्त रुप से अध्यक्षता की। कार्यक्रम का प्रारंभ सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ।
उद्घाटन करते हुए फारवर्ड ब्लाक (क्रांतिकारी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डीएस निराला ने कहा नेता जी ने जो आजाद भारत का सपना देखा था वह आजादी के पचहत्तर साल बाद भी सिर्फ सपना ही रह गया।काले और गोरे अंग्रेजों में कोई फर्क नहीं है।
आज चुनाव सिर्फ पैसों का खेल होकर रह गया है। ऐसी व्यवस्था कायम कर दी गयी है कि अब लोकसभा, विधानसभा में ईमानदार, विद्वान् लोगों को पहुंचना असंभव हो गया है। यहां तक की नगर निकायों एवं पंचायतों में भी धनकुबेर ही पहुंच रहे हैं। भला वैसे जनप्रतिनिधियों से आम जनता के ख्याल की क्या अपेक्षा की जा सकती है?
सुरेश विश्वकर्मा, राम गोविंद सिंह, ओमप्रकाश मेहता, वैद्य राधेश्याम, बालगोविंद सिंह, सूर्यदेव राजवंशी, शैलेश राही, धर्मेन्द्र कुमार सहित कई गणमान्य लोगों ने भी अपने विचार रखे।
Author: samachar
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