संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट- 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान को लागू कर अपने देश को स्वतंत्र गणराज्य बनाया गया था संविधान के लागू होने से कानून का राज स्थापित हो गया था लेकिन संविधान लागू होने के लगभग 72 वर्ष बीत जाने के बाद भी लोग आज भी स्वतंत्र रूप से नहीं रह पा रहे हैं आज भी गांव की गरीब जनता दबंगों के शोषण का शिकार है जिनपर दबंग अपनी मनमानी करते हुए नजर आते हैं l
ऐसा ही कुछ माजरा देखने को मिल रहा है चित्रकूट जिले के मानिकपुर विकास खण्ड के ग्राम पंचायत गढ़चपा में।
आज गणतंत्र दिवस है लेकिन जिले की कई ग्राम पंचायतों में कई ग्राम प्रधान ऐसे हैं जिन्हें मालूम ही नहीं है कि आख़िर गणतंत्र दिवस क्या है और यह क्यों मनाया जाता है व इनको जानकारी नहीं होने के चलते गांव के ही कुछ दबंगों द्वारा इन अशिक्षित ग्राम प्रधानों का प्रतिनिधि बनकर ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में जमकर धांधली करते हुए सरकारी धन का बंदरबाट किया जाता है जिसमें प्रधान प्रतिनिधि द्वारा ग्राम पंचायत में तैनात सचिव व जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत होती है ।
मानिकपुर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत गढ़चपा में ननकी देवी पत्नी जुगुल किशोर लोध वर्तमान में ग्राम प्रधान हैं व ग्राम पंचायत में भूपेंद्र द्विवेदी ग्राम पंचायत अधिकारी हैं जो विकास खण्ड मानिकपुर में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) का भी कार्यभार संभाल रहे हैं व ग्राम पंचायत गढ़चपा में अरुण सिंह बघेल उर्फ़ मिंटू सिंह बघेल ग्राम प्रधान प्रतिनिधि की भूमिका निभा रहे हैं व ग्राम प्रधान के फर्जी हस्ताक्षर कर ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में जमकर लीपापोती कर रहे हैं व ग्राम पंचायत में कितने कार्य कराए गए व कितना भुगतान हुआ इसके विषय में ग्राम प्रधान को कोई जानकारी नहीं है ।
ग्राम प्रधान ननकी देवी पत्नी जुगुल किशोर लोध एक गरीब महिला है जो आज भी ग्राम पंचायत के खोखला पुरवा में खेत में डेरा बनाकर रहती है वहीं ग्राम प्रधान के अशिक्षित होने का फायदा उठाकर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अरुण सिंह बघेल उर्फ़ मिंटू सिंह बघेल व ग्राम पंचायत अधिकारी भूपेंद्र द्विवेदी द्वारा ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना से कराए गए डब्ल्यू बी एम रोड़ निर्माण व पुलिया निर्माण में घोर धांधली की गई है व मानक विहीन कार्य कराकर सरकारी धन का बंदरबाट किया गया है वहीं खण्ड विकास अधिकारी सुनील सिंह द्वारा बिना कार्यों का सत्यापन किए हुए मनमाने तरीके से भुगतान कर दिया गया है जबकि डब्ल्यू बी एम रोड़ निर्माण में स्थानीय पत्थर,गिट्टी व मोरम का उपयोग किया गया है व फर्जी रवन्ने लगाकर अन्य जगह की सामग्री दिखाकर फर्जीवाड़ा किया गया है ।
सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि खण्ड विकास अधिकारी सुनील सिंह व ग्राम पंचायत में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी/सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) भूपेंद्र द्विवेदी सब कुछ जानते हुए भी ग्राम प्रधान के फर्जी हस्ताक्षर पर कोई प्रक्रिया नहीं देते सिर्फ कमीशन खोरी करते हुए सरकारी धन का बंदरबाट करवाते हुए नजर आते हैं।
अब देखना यह है कि ग्राम पंचायत गढ़चपा में दबंगों के शोषण व ग्राम पंचायत अधिकारी की मनमानी की शिकार महिला ग्राम प्रधान ननकी देवी कब स्वतंत्रता पूर्वक प्रधानी कर पाएगी व कब तक एक गरीब व अशिक्षित महिला ग्राम प्रधान दबंगों के शोषण व ग्राम पंचायत अधिकारी की मनमानी का शिकार होती रहेगी यह एक बड़ा सवाल है l
क्या जिलाधिकारी महोदय द्वारा दबंगों के शोषण व ग्राम पंचायत अधिकारी की मनमानी की शिकार महिला ग्राम प्रधान के मामले को गंभीरता से लेते हुए शोषण से मुक्त कराने का काम किया जाएगा या फ़िर ऐसे ही यह गरीब अशिक्षित महिला ग्राम प्रधान इनके शोषण का शिकार होती रहेगी l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."