ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में इन दिनों पीसीएस अधिकारी एसडीएम ज्योति शर्मा चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। उनके एक बयान के वायरल ऑडियो ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया है। इस ऑडियो में ज्योति शर्मा ने कहा, “मेरे अंदर पुराने डीएम की आत्मा आ गई है, मैं इन सचिवों को नहीं छोडूंगी।” उनके इस बयान के बाद से वे सुर्खियों में हैं और लोगों की उत्सुकता का विषय बन गई हैं।
कौन हैं एसडीएम ज्योति शर्मा?
एसडीएम ज्योति शर्मा बागपत जिले के खेकड़ा तहसील में तैनात हैं। वे 2020 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं और मूल रूप से मथुरा जिले के सुरीर थाना क्षेत्र के तुलागड़ी गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता देवेंद्र शर्मा उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात हैं, जबकि उनकी मां उमा शर्मा गृहिणी हैं। उनके परिवार में छोटी बहन ओएनजीसी में वैज्ञानिक हैं और भाई दीपक शर्मा नेशनल वॉलीबॉल प्लेयर हैं।
शिक्षा और करियर का सफर
ज्योति शर्मा की पढ़ाई लखनऊ में हुई। 2017 में उन्होंने पहली बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी और उनका चयन ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) के पद पर हुआ। उनकी पहली पोस्टिंग अयोध्या जिले के मिल्कीपुर ब्लॉक में हुई। इसके बाद, उन्होंने 2018 में फिर परीक्षा दी और 2020 में आए परिणाम में प्रदेश में तीसरी रैंक हासिल की। उनकी एसडीएम के तौर पर पहली पोस्टिंग बदायूं जिले में हुई। बाद में उनका तबादला बागपत जिले के खेकड़ा तहसील में हुआ।
पति भी एसडीएम, एक ही जिले में तैनाती
एसडीएम ज्योति शर्मा के पति मनीष यादव भी बागपत जिले में ही बड़ौत तहसील के एसडीएम हैं। पति-पत्नी की एक ही जिले में तैनाती प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
वायरल ऑडियो और विवाद
हाल ही में एसडीएम ज्योति शर्मा का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें वे सचिवों को सख्त लहजे में संबोधित करते हुए नजर आईं। उन्होंने कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, जिससे सचिवों में रोष व्याप्त है। सचिवों ने इस मामले में डीएम अस्मिता लाल और सीडीओ से शिकायत की और माफी की मांग की। उनका कहना है कि यदि 28 जनवरी तक एसडीएम ने माफी नहीं मांगी, तो वे आंदोलन करेंगे।
एसडीएम की सफाई
वायरल ऑडियो को लेकर सफाई देते हुए एसडीएम ज्योति शर्मा ने कहा कि “पुराने डीएम की आत्मा” वाली बात उन्होंने मजाक में कही थी। उन्होंने बताया कि सचिवों से उनका कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं है, लेकिन कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सचिवों की लापरवाही के कारण जिले का प्रदर्शन डैशबोर्ड पर खराब हो रहा है।
यह पूरा मामला अब बागपत जिले के प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। सचिवों और एसडीएम के बीच विवाद कैसे सुलझता है, यह देखना बाकी है।