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19 December 2024 8:34 am

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प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत से राजनीतिक माहौल गरमाया, प्रियंका गाँधी ने बीजेपी सरकार को लपेटा

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

लखनऊ में कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान हुई पार्टी कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत ने सियासी बवाल खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने जहां इस मौत के लिए पुलिस की बर्बरता और सरकार के रवैये को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं प्रभात के परिवार ने हत्या की आशंका जताते हुए मामला दर्ज कराया है।

परिवार ने जताई हत्या की आशंका

प्रभात के चाचा मनीष पांडेय ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि उनके भतीजे को कोई बीमारी नहीं थी और उसकी मौत संदेहास्पद हालात में हुई है। मनीष का आरोप है कि उनके भतीजे की हत्या की गई है।

शिकायत के मुताबिक, बुधवार शाम करीब सवा चार बजे मनीष पांडेय को कांग्रेस कार्यालय से एक फोन आया, जिसमें बताया गया कि प्रभात पांडेय वहां बेहोश पड़ा हुआ है। फोन करने वाले ने यह भी कहा कि प्रभात दो घंटे से ज्यादा समय से इसी स्थिति में पड़ा हुआ था। इसके बाद मनीष ने अपने परिचित संदीप को कांग्रेस कार्यालय भेजा। वहां पहुंचकर संदीप ने देखा कि प्रभात मरणासन्न अवस्था में है।

मौत के बाद अस्पताल में मचा हड़कंप

संदीप और कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने प्रभात को कार से सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मनीष पांडेय ने यह सवाल उठाया कि उनके भतीजे की मौत की वजह क्या है और वह कांग्रेस कार्यालय कैसे पहुंचा? मनीष ने दावा किया कि प्रभात एक पीजी में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था और उसे किसी तरह की बीमारी नहीं थी।

कांग्रेस का आरोप: पुलिस की बर्बरता जिम्मेदार

इस घटना पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सरकार और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। अजय राय ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान प्रभात पांडेय को मारा, जिसके चलते उसकी मौत हुई। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के दौरान प्रभात ने आशीष केसरी और जुनैद इकराम कुरैशी से कहा था, “पुलिस ने मुझे मारा है, मुझे पानी दो।” पानी पीने के बाद प्रभात वहीं बेहोश हो गया।

राय ने यह भी कहा कि जब एंबुलेंस नहीं आई तो प्रभात को इनोवा कार से सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना अमानवीयता और प्रशासन की बर्बरता का प्रमाण है।

प्रियंका गांधी का तीखा हमला

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर जिस तरह दमनकारी कार्रवाई की, वह अंग्रेजी राज की याद दिलाती है। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में कुशासन के खिलाफ आवाज उठाने पर पुलिस की बर्बरता ने हमारे युवा कार्यकर्ता की जान ले ली।”

प्रियंका ने आगे कहा कि भाजपा सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचल रही है और यह घटना सरकार की तानाशाही और कायरता का प्रमाण है।

पुलिस ने दी सफाई

वहीं, लखनऊ पुलिस ने प्रभात पांडेय की मौत पर सफाई देते हुए बयान जारी किया। पुलिस के मुताबिक, प्रभात को कांग्रेस कार्यालय से सिविल अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच में प्रभात के शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं पाई गई।

पुलिस ने यह भी बताया कि मौत का सही कारण जानने के लिए पोस्टमार्टम कराया जाएगा और इसकी वीडियोग्राफी की जाएगी। पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान बल प्रयोग के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसी प्रकार की हिंसा नहीं हुई। साथ ही, पुलिस ने झूठी जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

राजनीतिक तकरार तेज

इस घटना ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया है, जबकि प्रशासन इसे महज एक दुर्घटना मान रहा है। प्रभात पांडेय की मौत की सच्चाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगी, लेकिन फिलहाल इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी चरम पर है।

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