अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट
देवरिया। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल का महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज में औचक निरीक्षण, फायर सेफ्टी पर दिए अहम निर्देश
शनिवार दोपहर को जिलाधिकारी (DM) दिव्या मित्तल ने महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान उन्होंने मेडिकल कॉलेज में फायर सेफ्टी के मानकों की गहन जांच की और कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। उन्होंने इस दौरान फायर सुरक्षा उपकरणों, आपातकालीन निकासी मार्ग, और स्वास्थ्य केंद्रों की समग्र सुरक्षा व्यवस्था पर जोर दिया।
एमसीएच विंग में इमरजेंसी एग्जिट की जांच
निरीक्षण की शुरुआत में DM दिव्या मित्तल मेडिकल कॉलेज के एमसीएच (मदर एंड चाइल्ड हेल्थ) विंग पहुंचीं। यहां उन्होंने विशेष रूप से एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट) वार्ड का निरीक्षण किया। उन्होंने देखा कि आपातकालीन परिस्थितियों के लिए बनाए गए फायर एग्जिट मार्ग को और अधिक स्पष्ट और सुरक्षित बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आपातकालीन निकासी मार्ग (एग्जिट) को साफ-सुथरा और बाधामुक्त रखा जाए। जिलाधिकारी ने कहा, “आपात स्थिति में फायर एग्जिट का मार्ग बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यही रास्ता किसी भी हादसे के दौरान लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।”
फायर उपकरणों की नियमित जांच का निर्देश
निरीक्षण के दौरान, DM ने मेडिकल कॉलेज में लगे सभी फायर उपकरणों की नियमित जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी फायर उपकरणों की एक्सपायरी डेट की समय-समय पर जांच होनी चाहिए ताकि किसी आकस्मिक परिस्थिति में उपकरण सही तरीके से कार्य कर सकें। इसके अलावा, उन्होंने मेडिकल स्टाफ को आग लगने जैसी आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए समुचित प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
फायर ऑडिट और सुधार की जानकारी
मौके पर मौजूद चीफ फायर सेफ्टी ऑफिसर अरुण कुमार ने DM को बताया कि मेडिकल कॉलेज का फायर ऑडिट इस वर्ष जनवरी और जून माह में पूरा किया गया था। उन्होंने बताया कि फायर ऑडिट के दौरान जो भी कमियां पाई गई थीं, उन्हें समय रहते कॉलेज प्रशासन द्वारा दूर कर लिया गया है।
सीएचसी और पीएचसी की रिपोर्ट तलब
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), और मेडिकल कॉलेजों में फायर सेफ्टी मानकों के अनुपालन की विस्तृत रिपोर्ट तलब की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में फायर सेफ्टी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में कोई चूक न हो।
DM दिव्या मित्तल ने यह भी कहा कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों में फायर ड्रिल और प्रशिक्षण कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाने चाहिए ताकि कर्मचारियों को आकस्मिक परिस्थितियों में प्रभावी रूप से कार्य करने के लिए तैयार किया जा सके।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
इस निरीक्षण के दौरान मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार बरनवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. राजेश झा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. एच.के. मिश्रा, डॉ. आर.के. श्रीवास्तव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
निरीक्षण के अंत में DM ने मेडिकल कॉलेज के प्रशासन को फायर सेफ्टी के सभी आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने और नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फायर सेफ्टी से संबंधित किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस निरीक्षण से स्पष्ट है कि जिले में स्वास्थ्य संस्थानों की सुरक्षा और आपातकालीन तैयारियों को लेकर प्रशासन गंभीर है, और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।