चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
बहराइच जिले में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए सांप्रदायिक विवाद ने पूरे इलाके में तनाव का माहौल पैदा कर दिया।
घटना की शुरुआत 13 अक्टूबर की शाम हरदी थाना क्षेत्र के महराजगंज बाजार में हुई, जहां दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन जुलूस के दौरान मामूली कहासुनी के बाद विवाद इतना बढ़ गया कि एक पक्ष ने पथराव कर दिया और दूसरी तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। इस हिंसा में गोली लगने से रामगोपाल मिश्रा नामक युवक की मौत हो गई।
जैसे ही यह खबर फैली, पूरे जिले में माहौल और अधिक उग्र हो गया। भीड़ ने आगजनी और तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आया।
डीएम मोनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ला ने खुद मोर्चा संभाला और मौके पर पहुंचकर हालात को नियंत्रण में करने की कोशिशें शुरू कीं।
डीएम मोनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ला ने बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट पहनकर हिंसा प्रभावित इलाकों में गश्त किया और पूरी रात जागकर स्थिति पर कड़ी नजर रखी।
प्रशासन की तत्परता और निरंतर प्रयासों के बाद अगले दिन हिंसा पर पूरी तरह काबू पा लिया गया। डीएम मोनिका रानी ने मृतक रामगोपाल मिश्रा के परिवार से बातचीत की और उन्हें समझाकर शव का शांतिपूर्ण अंतिम संस्कार करवाया, जिससे तनाव और अधिक न बढ़े। उनकी इस मुस्तैदी की जिले भर में जमकर सराहना हो रही है।
मोनिका रानी एक सख्त और निर्भीक आईएएस अधिकारी के रूप में जानी जाती हैं। 2011 बैच की इस अधिकारी ने कई अहम पदों पर रहते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन बखूबी किया है। वे मूल रूप से गुरुग्राम की रहने वाली हैं और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 70वीं रैंक हासिल की थी।
बहराइच में तैनाती से पहले वे लखनऊ, गाजियाबाद, चित्रकूट और सहारनपुर जिलों में भी सेवाएं दे चुकी हैं। उन्होंने बहराइच में ऑपरेशन भेड़िया के तहत आदमखोर भेड़िए को काबू करने जैसे साहसिक अभियानों का सफल नेतृत्व भी किया है।
बहराइच हिंसा के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के दौरान दो आरोपियों सरफराज और तालीम पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गए थे, जिन्हें बाद में बहराइच मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।
अन्य तीन आरोपियों अब्दुल हमीद, फहीम और अफजल को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।
घटना के बाद जिला प्रशासन ने हिंसा में शामिल आरोपियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया। इसके तहत पीडब्ल्यूडी विभाग ने हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद समेत 30 अन्य मकानों को चिन्हित कर लिया है, जो अतिक्रमण की श्रेणी में आते हैं।
डीएम मोनिका रानी ने खुद सड़कों का चौड़ीकरण सुनिश्चित करने के लिए अतिक्रमण हटाने की योजना बनाई है, और प्रशासन इस दिशा में कदम उठा रहा है।
हिंसा के बाद शहर में अब धीरे-धीरे शांति लौट रही है। शुक्रवार की नमाज के दौरान मुख्य बाजार घंटाघर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। डीएम और एसपी लगातार शहर के प्रमुख इलाकों में गश्त करते रहे और इस दौरान सभी प्रमुख मस्जिदों में शांतिपूर्ण तरीके से नमाज अदा की गई।
यह हिंसा बहराइच जिले के लिए एक दुखद अध्याय है, लेकिन प्रशासन की सक्रियता और समय पर लिए गए फैसलों के चलते स्थिति अब नियंत्रण में है।
हालांकि इस हिंसा से हुए नुकसान और गहरे जख्मों को भरने में वक्त लगेगा, लेकिन उम्मीद है कि प्रशासन की सख्ती और न्यायपूर्ण कार्रवाई से लोग एक बार फिर सामान्य जीवन की ओर लौट सकेंगे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."