कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
बहराइच में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा ने जिले में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। रामगोपाल मिश्रा नामक युवक की गोली लगने से मौत के बाद स्थानीय समुदाय में आक्रोश फैल गया। जानकारी के अनुसार, रामगोपाल को गोली लगने के बाद एसडीएम की अनदेखी के कारण परिजनों ने उसे बाइक से अस्पताल ले जाने की कोशिश की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
हिंसा के चलते उपद्रवियों ने कई दुकानों और एक अस्पताल को आग के हवाले कर दिया, जबकि दो बाइक शोरूम को भी नुकसान पहुँचाया गया। यह स्थिति बहराइच के महसी इलाके में और भी भड़की, जहां उग्र भीड़ ने एक विशेष समुदाय के घरों में आग लगाई और पथराव किया।
प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए डीएम, एसपी, और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को घटनास्थल पर भेजा, लेकिन स्थिति काबू में नहीं आ सकी। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर और लाठीचार्ज कर उपद्रवियों को तितर-बितर करने की कोशिश की।
घटना के बाद, मृतक रामगोपाल के परिजनों ने प्रशासन से न्याय की मांग करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस ने समय पर कार्रवाई नहीं की। उनका कहना है कि दोषियों का एनकाउंटर किया जाए और उनके घरों पर बुलडोजर चलाया जाए।
इस बीच, बहराइच के ग्रामीण इलाकों में भी हिंसा बढ़ गई है। चंदपैया और कबड़ियापुरवा गांवों में कई घरों में आग लगा दी गई है। इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने घटना को दुखद बताया और कहा कि पुलिस को स्थिति की गंभीरता को समझते हुए उचित तैयारी करनी चाहिए थी। वहीं, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उच्चस्तरीय अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। कुल मिलाकर, बहराइच में हालात बेहद गंभीर हैं और प्रशासन के कड़े कदम उठाने के बावजूद हिंसा की आग बुझने का नाम नहीं ले रही है। 30 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है, जबकि कई अन्य की तलाश जारी है। प्रशासन का मुख्य लक्ष्य स्थिति को नियंत्रण में लाना और शांति बहाल करना है।
Author: samachar
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