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December 12, 2024 6:43 am

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ऐतिहासिक भरत मिलाप: राम-भरत मिलन के साथ हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल की गई पेश

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जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में शाही कटरा जामा मस्जिद के गेट से भगवान रघुनंदन का विमान तीन बार टकराया और श्रीराम-भरत का ऐतिहासिक मिलाप संपन्न हो गया। इस भव्य आयोजन को देखने के लिए दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु पहुंचे थे। जब शीतला मंदिर से भगवान राम का रथ भरत से मिलने के लिए शाही कटरा की ओर बढ़ा, तो भक्तों का उत्साह चरम पर था। पूरे माहौल में भगवान राम और भरत के जयकारे गूंजने लगे।

प्रत्येक वर्ष मऊ के शाही कटरा मैदान में भरत मिलाप का यह विशेष आयोजन किया जाता है, जिसे देखने लाखों लोग आते हैं। इस आयोजन की खास बात यह है कि जब शाही मस्जिद में मुस्लिम समाज के लोग नमाज अदा करते हैं, ठीक उसी समय भगवान राम और महादेव के जयकारे गूंजते हैं। इसे सांप्रदायिक सौहार्द्र का अद्वितीय उदाहरण माना जाता है, जहां “राम” और “रहीम” की आवाजें एक सुर में मिलकर वातावरण को पवित्र बना देती हैं। इस साल भी यही नजारा देखने को मिला, जिसने वहां मौजूद हर किसी को भावुक कर दिया।

राम-भरत मिलाप के इस आयोजन में जैसे ही भगवान राम और भरत का मिलन हुआ, पूरा वातावरण राममय हो गया। इस दृश्य को देखकर उपस्थित लोग भावविभोर हो गए।

चारों भाइयों—राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न—की आरती एएसपी और एडीएम द्वारा की गई, जोकि कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण क्षण था।

सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर, पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सतर्क था। पुलिस की टीम सीसीटीवी कैमरों से पूरे कार्यक्रम पर नजर रख रही थी, और शाही मस्जिद के गेट पर बड़े-बड़े एंगल लगाए गए थे।

गेट के बाहर पुलिस बल की भारी तैनाती की गई थी, क्योंकि 2005 में इसी कार्यक्रम के दौरान हिंसा की घटना हो गई थी, जिसे ध्यान में रखते हुए इस बार प्रशासन ने विशेष तैयारी की थी।

रामलीला कमेटी के सदस्यों ने बताया कि शाही कटरा जामा मस्जिद के गेट से भगवान श्रीराम के विमान को स्पर्श कराने की परंपरा शाहजहां की बेटी जहांआरा द्वारा शुरू की गई थी, जो आज तक जारी है।

इस साल भी भगवान राम का विमान मस्जिद के गेट से तीन बार टकराया, जिससे इस परंपरा का निर्वहन हुआ। मस्जिद के गेट के सामने ही राम-भरत मिलन का मंच सजाया गया था।

भरत मिलाप कमेटी के संरक्षक ने बताया कि यह भरत मिलाप न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक भी है।

इस आयोजन ने एक बार फिर यह साबित किया कि मऊ में धार्मिक विविधता के बीच सांप्रदायिक सौहार्द्र और भाईचारे की भावना हमेशा जीवंत रहती है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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