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November 22, 2024 9:29 pm

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पर्यावरण संरक्षण के दो नायक : प्रदीप कुमार वर्मा और अनूप मिश्रा. ..

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ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

आज के दौर में जहाँ पर्यावरण संरक्षण एक प्रमुख चिंता का विषय बना हुआ है, कुछ लोग अपने सरकारी सेवा कार्यों के साथ ही पर्यावरण के प्रति समर्पण का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। इस दिशा में दो ऐसे अद्वितीय व्यक्तित्व हैं जिनका नाम अत्यधिक सम्मान के साथ लिया जा सकता है—प्रदीप कुमार वर्मा, उन्नाव के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक, और उत्तर प्रदेश पुलिस के उन्नाव में पदस्थ सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा।

प्रदीप कुमार वर्मा: शिक्षा और पर्यावरण का अद्वितीय संगम

प्रदीप कुमार वर्मा, एक शिक्षक होने के साथ-साथ पर्यावरण प्रेमी भी हैं। शिक्षा क्षेत्र में अपने प्रभावशाली योगदान के साथ उन्होंने पिछले कुछ दशकों में पर्यावरण के प्रति अपने समर्पण को भी आगे बढ़ाया है। उनका मानना है कि आने वाली पीढ़ियों को न केवल शिक्षा, बल्कि प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता भी सिखानी चाहिए।

श्री वर्मा ने अपने स्कूल के छात्रों के साथ मिलकर कई पेड़-पौधों को रोपने की मुहिम चलाई है, जिसमें उन्होंने स्थानीय समुदाय को भी जोड़ा है। वह नियमित रूप से अपने छात्रों को पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूक करते हैं और उनके माध्यम से इस संदेश को समाज तक पहुँचाने में सफल रहे हैं। उनकी यह पहल न केवल उनके विद्यालय में बल्कि पूरे क्षेत्र में एक आंदोलन के रूप में उभरी है।

प्रदीप कुमार का मानना है कि बच्चों में बचपन से ही पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने से ही दीर्घकालिक बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने कई कार्यशालाओं और शिविरों का आयोजन किया, जिनका उद्देश्य जल संरक्षण, वनीकरण, और कचरे के निस्तारण के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाना रहा है। उनकी इन पहलों के कारण प्रदीप कुमार का नाम अब पर्यावरण संरक्षण के प्रमुख व्यक्तित्वों में गिना जाता है।

यूपी पुलिस के सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा: कर्तव्य और पर्यावरण सेवा का समन्वय

उत्तर प्रदेश पुलिस के सब इंस्पेक्टर के रूप में कार्यरत अनूप मिश्रा ने भी अपने सरकारी दायित्वों के साथ-साथ पर्यावरण सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। वह समाज में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के अलावा अपने क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

मिश्रा ने अपने विभाग और पुलिस टीम को भी इस कार्य में सम्मिलित किया है। उन्होंने अपने अधिकारियों और साथियों के साथ मिलकर कई बंजर इलाकों में पौधारोपण किया है। उनका मानना है कि पुलिस केवल सुरक्षा प्रदान करने के लिए नहीं, बल्कि समाज की बेहतरी के लिए भी जिम्मेदार है।

उनकी यह पहल स्थानीय पुलिस थानों के आसपास हरियाली बढ़ाने, सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ बनाने और नागरिकों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए की गई थी। सब इंस्पेक्टर ने स्वयंसेवी संस्थाओं और स्थानीय संगठनों के साथ मिलकर कई अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा किया है, जिनमें तालाबों की सफाई, प्लास्टिक के उपयोग पर नियंत्रण और जल संरक्षण प्रमुख हैं।

समर्पण और प्रेरणा का आदर्श

प्रदीप कुमार वर्मा और अनूप मिश्रा जैसे व्यक्तियों के कार्य हमें यह सिखाते हैं कि किसी भी पेशे में रहते हुए पर्यावरण संरक्षण संभव है। दोनों व्यक्तित्वों का समर्पण न केवल उनके क्षेत्र में, बल्कि पूरे देश में एक प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।

उनकी कार्यशैली हमें यह बताती है कि अगर हर व्यक्ति अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी महसूस करे, तो हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर और स्वच्छ दुनिया छोड़ सकते हैं।

इनकी मुहिम से यह स्पष्ट होता है कि किसी भी सरकारी सेवा में रहते हुए समाज के प्रति अतिरिक्त जिम्मेदारी निभाई जा सकती है। इनके प्रयास न केवल उनके आस-पास के लोगों के लिए आदर्श हैं, बल्कि हमारे समाज को पर्यावरण के प्रति सजग और सतर्क बनाने के लिए एक सकारात्मक संदेश भी देते हैं।

इनकी कहानी हमें यह प्रेरणा देती है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए किसी विशेष पद या शक्ति की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि दृढ़ संकल्प और समर्पण के साथ हम सभी इस दिशा में योगदान कर सकते हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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