Explore

Search
Close this search box.

Search

November 22, 2024 5:01 pm

लेटेस्ट न्यूज़

वायरल वीडियो और उनकी सीमा : क्या हम अश्लीलता को सामान्य बना रहे हैं?

11 पाठकों ने अब तक पढा

अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

सोशल मीडिया आने से काफी कुछ ओपन हो गया है। आप अपने मन की बात लिख सकते हैं, दिखा सकते हैं।

लोग उस पर रीएक्ट कर सकते हैं। धीरे-धीरे यूट्यूब वीडियोज कमाई का भी जरिया बन गए। अलग-अलग कंटेंट परोसे जाने लगे। उसी हिसाब से दर्शक भी बढ़े। आज आलम यह है कि यूट्यूबरों ने दोपहर में सास-बहू के सीरियल देखने वाली महिलाओं को मोबाइल पर खींच लिया है। वे अब व्लॉग देखती हैं। भदोही के गांव की महिला खेत में कोहड़े की सब्जी बनाती है तो अमेरिका में बैठे रोड्रीज भी चाव से देखते हैं। लेकिन कंटेंट में क्या परोसा जाएगा, इसको लेकर अभी कोई कानून नहीं है। यूट्यूबरों को आप हल्के में मत लीजिए। अब ये इतने बड़े इन्फ्लुएंसर बन गए हैं कि मंत्रियों के इंटरव्यू ले रहे हैं। अब यह व्लॉगर, फेसबुक वीडियो बनाने वालों की मर्जी है कि वह कैसे और क्या वीडियो में दिखाते हैं। आज सोशल मीडिया के वीडियो पर बात करने की एक वजह है। हाल में कई वीडियोज आए हैं, जिसे ठीक नहीं कहा जा सकता है। कुछ पर डिबेट भी हो सकती है क्योंकि अब ‘न्यू नॉर्मल’ का दौर है। ओटीटी पर महिलाएं भी धड़ाक से गाली दे रही हैं। सुनने वालों को भी अब अचरज नहीं होता जबकि कुछ साल पहले तक आप महिलाओं को गाली देते या लड़कों की तरह बात-बात पर ‘सुविचार’ देते कम सुनते थे। सवाल उठ सकता है कि क्या गाली सिर्फ लड़के दे सकते हैं, लड़कियां क्यों नहीं दे सकती हैं। अच्छा है अगर बराबरी का दौर है तो नैतिकता, संस्कृति का ठेका सिर्फ लड़कियां क्यों लें, लड़कों को भी रोकिए। ओटीटी पर बिग बॉस भी आने लगा है जिसमें लिपलॉक, फ्रेंच किस वगैरह सामान्य सीन की तरह दिख जाता है। मैंने नहीं देखा वैसे, ट्विटर पर ही वीडियो है। सोशल मीडिया पर आए वीडियो को देख अश्लीलता को लेकर काफी चर्चा हो रही है। अब कुछ चर्चित वीडियोज की बात कर लेते हैं।

दूसरा नजरिया भी है कई लोगों ने दूसरा पहलू भी सामने रखा है। एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया, ‘ये अश्लीलता बिल्कुल भी नहीं है। मोहतरमा कपड़े पहन रही हैं, उतार नहीं रही। आपकी सोच खराब है… देखने का नजरिया बदलिए। ये महिला पारंपरिक भारतीय परिधान का प्रचार-प्रसार कर रही है। आज समाज में ऐसी ही संस्कारी और सशक्त महिला की जरूरत है।’

अभी ज्यादा समय नहीं हुए जब एक महिला का ब्रा पहने वीडियो सामने आया था। इसमें वह भारत का भूगोल समझाते हुए अश्लीलता परोस रही थीं। वह जो कर रही थीं, वह हम यहां लिख भी नहीं सकते। शायद ऐसा करने में उन्हें भी शर्म आ रही होगी तभी उन्होंने ब्रा पहने वीडियो तो बनाया लेकिन चेहरा छिपाने के लिए मास्क लगा लिया। यह कितनी बड़ी टीचर हैं, यह आप इनके द्वारा बनाए भारत के नक्शे से ही समझ जाएंगे। ऐसे में सवाल यह है कि ऐसा करने की जरूरत क्या है? क्या व्यूज पाने के लिए ये सब किया जा रहा है। इस पर रोक लगेगी और क्या लगनी चाहिए? धीरे-धीरे ‘लाइट पोर्न’ कंटेट दिखाने की तरफ तो नहीं जा रहे ऐसे लोग। इसे तो अश्लीलता कहने में किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अश्लीलता इस हद तक है कि हम वीडियो भी यहां नहीं दिखा सकते।

दूसरा नजरिया यह भी है कि अगर हजारों की संख्या में दर्शक देख रहे हैं तो आपको क्या दिक्कत है? आप होते कौन हैं ठेकेदारी करने वाले, तो ठीक है। मतलब अब जो महीन अंतर रह गया है उसके गिरने का इंतजार करते हैं।

फेसबुक पर वीडियो सेक्शन है। अगर रात 9-10 बजे के बाद आप कोई भी वीडियो देखते हैं तो महसूस किया होगा कि उस समय तक अलग तरह के वीडियो प्रमोट किए जाते हैं। कभी-कभार गलती से भी आपने वीडियो सेकेंडों में भी देख लिया तो आपको सजेस्टेड में आने लगेगा। कमाल की बात है कि दिन में ऐसे वीडियो नहीं दिखाई देते। इसमें भाभी या वीडियो कीवर्ड जरूर रहता है। इसे फिल्म ही समझिए बी या सी ग्रेड की। इसे अश्लीलता कहें या नहीं, पता नहीं। लोग जैसा सोचें लेकिन लाखों करोड़ों की संख्या में इसके दर्शक हैं।

आजकल फेसबुक, ट्विटर पर बच्चे भी आ गए हैं। इंस्टाग्राम पर होना तो स्टेटस बयां करता है। वहां अलग टाइप का कंटेंट परोसा जाता है। अश्लीलता है या नहीं, इस बहस पर सबके अलग-अलग तर्क हो सकते हैं पर थोड़ा सा परदा बच्चों के लिए करने में बुराई नहीं है।

अश्लीलता आप किसे कहते हैं, इस पर भी चर्चा हो सकती है। कल को जो अश्लीलता के दायरे में था, आज बाहर हो चुका है। उन लोगों से भी अनुरोध है कि अगर फेसबुक और यूट्यूब पर कोई चैनल इस तरह का कंटेंट दे रहा है तो उसे ट्विटर या दूसरे प्लेटफॉर्म पर आप लेकर मत आइए। यही तो वे लोग चाहते हैं कि आप प्रचार करें और उन्हें डॉलर मिले। बाकी जैसा जनता सोचे।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़