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December 2, 2024 10:03 pm

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वृक्ष रक्षा, जन सुरक्षा : “ट्री मैन” की इस जोड़ी का पर्यावरणीय जनांदोलन, अनुकरणीय

14 पाठकों ने अब तक पढा

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

उन्नाव के अनूप मिश्रा और प्रदीप वर्मा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए गए अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए “ऑक्सीजन मैन ऑफ उत्तर प्रदेश” सम्मान से नवाजे गए। यह सम्मान दिल्ली में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में ग्रीन इंडिया परिवार फाउंडेशन द्वारा दिया गया, जिसमें पूरे भारत से पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले पांच व्यक्तियों को पुरस्कृत किया गया।

सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा, जो उन्नाव पुलिस कंट्रोल रूम में नियुक्त हैं, और शिक्षक प्रदीप वर्मा, जो उन्नाव के औरास विकासखंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय रामपुर गढ़ौवा में तैनात हैं, ने वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के लिए अथक प्रयास किए हैं। उन्होंने न केवल पौधरोपण का कार्य किया बल्कि उन्हें संरक्षित करने के लिए भी जागरूकता फैलाई। उनकी ‘ग्रीन एंड क्लीन उन्नाव’ मुहिम आज एक सफल आंदोलन बन चुकी है, जिसके अंतर्गत अनगिनत गांवों और शहरों में पर्यावरण पाठशालाओं का आयोजन किया गया और पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता फैलाई गई।

अनूप मिश्रा, जिन्हें “ट्री मैन” और “पेड़ों के डॉक्टर” के नाम से लोकप्रियता प्राप्त है, ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपना संदेश विभिन्न मीडिया मंचों से साझा किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “वृक्ष रक्षा से ही जन सुरक्षा है”, और प्रत्येक व्यक्ति से अपील की कि वह कम से कम पाँच पौधे लगाए और उनकी देखरेख करे। इस समारोह में उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

शिक्षक प्रदीप वर्मा ने भी इस मंच का उपयोग करते हुए सभी उपस्थित लोगों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई और ‘ग्रीन एंड क्लीन उन्नाव’ मुहिम में बच्चों और शिक्षकों की सहभागिता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य प्रत्येक गांव और शहर के लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना और पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

समारोह में ग्रीन इंडिया परिवार फाउंडेशन के सीईओ डॉ. नीरज गुप्ता, मिस इंडिया सिद्धि जौहरी, अमेरिका के डॉ. इंद्रजीत शर्मा, प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. एच एस रावत, और पद्मश्री डॉ. विजय जैसे प्रमुख अतिथियों ने इन दोनों पर्यावरण प्रेमियों के प्रयासों की सराहना की और उनके उत्कृष्ट कार्यों की प्रशंसा की।

अनूप मिश्रा और प्रदीप वर्मा की इस प्रेरणादायक यात्रा ने उन्नाव के हजारों शिक्षकों, शिक्षा विभाग के अधिकारियों और पुलिस विभाग के कर्मचारियों को गौरवान्वित किया है।

उनके इस अद्वितीय योगदान से हमें यह संदेश मिलता है कि अगर हम अपने पर्यावरण की सुरक्षा करेंगे, तो हमारा भविष्य सुरक्षित रहेगा।

इस अवसर पर अनूप मिश्रा और प्रदीप वर्मा के प्रयासों की जितनी भी प्रशंसा की जाए, वह कम है। उनकी पर्यावरण के प्रति इस निस्वार्थ सेवा ने न केवल उन्नाव को, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश को गर्वित किया है। हमें भी इनसे प्रेरणा लेते हुए अपने समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित और स्वच्छ वातावरण तैयार करने का संकल्प लेना चाहिए।

अनूप मिश्रा, जिन्हें “ट्री मैन” और “पेड़ों के डॉक्टर” के नाम से जाना जाता है, पिछले तीस वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के लिए अद्वितीय और निरंतर प्रयास कर रहे हैं। 

उन्नाव के पुलिस विभाग में सीनियर सब-इंस्पेक्टर के रूप में सेवा देते हुए भी उन्होंने अपने व्यस्त शेड्यूल के बीच पर्यावरण के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण बनाए रखा है। उनके इस उल्लेखनीय योगदान की वजह से उन्हें पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक विशिष्ट पहचान मिली है।

तीस वर्षों से अनूप मिश्रा ने न केवल व्यक्तिगत स्तर पर हजारों पौधे रोपे, बल्कि उन्हें संरक्षित रखने के लिए भी बड़े पैमाने पर कार्य किया। उन्होंने गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया और हरित आंदोलन का नेतृत्व किया। उनके प्रयासों का मुख्य उद्देश्य यह था कि लोग सिर्फ पौधे लगाकर छोड़ न दें, बल्कि उनकी पूरी देखभाल और संरक्षण भी करें ताकि वे पेड़ बन सकें और वातावरण को स्वच्छ बनाए रखें।

उनकी पर्यावरण संरक्षण की यात्रा “ग्रीन एंड क्लीन उन्नाव” अभियान के रूप में तब्दील हो गई, जो आज एक सफल आंदोलन बन चुका है। 

इस आंदोलन के अंतर्गत अनूप मिश्रा ने न केवल बड़े पैमाने पर पौधरोपण कराया, बल्कि हरे-भरे पेड़ों को कटने से बचाने के लिए भी लोगों को जागरूक किया। उनके प्रयासों से हजारों ग्रामीण और शहरी नागरिक पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रेरित हुए हैं।

इसके अलावा, अनूप मिश्रा ने पर्यावरण पाठशालाओं का भी आयोजन किया, जहां बच्चों और बड़ों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व और उसके प्रभावों के बारे में जानकारी दी जाती है। उनकी थीम “वृक्षों के बगैर कैसा होगा आने वाला कल” ने समाज में गहरी सोच उत्पन्न की और लोगों को भविष्य के लिए अधिक जिम्मेदार बनने के लिए प्रेरित किया।

उनकी इस दीर्घकालिक सेवा ने उन्हें “ट्री मैन” और “पेड़ों के डॉक्टर” के रूप में पहचान दिलाई है, जो न केवल पेड़ों को लगाने और उनकी देखभाल करने में माहिर हैं, बल्कि लोगों को पेड़ों के महत्व के बारे में भी जागरूक करते हैं।

इस क्षेत्र में अनूप मिश्रा का योगदान एक मिसाल है और यह दर्शाता है कि एक व्यक्ति का निरंतर और समर्पित प्रयास किस प्रकार से समाज में बड़े पैमाने पर बदलाव ला सकता है। उनके प्रयास हमें यह सिखाते हैं कि पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतरता और समर्पण की आवश्यकता है, और यह काम कोई एक दिन या एक समय तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह एक आजीवन जिम्मेदारी है।

अनूप मिश्रा ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अपने तीन दशकों से भी अधिक के योगदान से यह साबित कर दिया है कि एक व्यक्ति का समर्पण और निष्ठा समाज में बड़े पैमाने पर बदलाव ला सकता है। लेकिन उनका यह प्रयास केवल व्यक्तिगत नहीं है; उन्होंने हमेशा जनसहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया है। पर्यावरण की सुरक्षा केवल एक व्यक्ति का कार्य नहीं हो सकता, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है।

अनूप मिश्रा की अपील है कि हम सभी को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उनका मानना है कि:

पौधरोपण करें

प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम पाँच पौधे लगाने चाहिए। यह केवल पौधरोपण तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि पौधों को पेड़ बनने तक उनकी देखभाल भी करनी चाहिए। पौधे लगाना एक छोटा कदम हो सकता है, लेकिन उनकी सही देखभाल करने से वे हमारे वातावरण के लिए असीम लाभकारी सिद्ध होंगे।

सक्रिय भागीदारी 

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोग मिलकर पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाएं। सामूहिक प्रयास से ही बड़े पैमाने पर बदलाव संभव है। यदि हर गांव और शहर में लोग इस मुहिम से जुड़ें, तो पर्यावरण को बचाने का काम और भी आसान हो जाएगा।

पेड़ों की रक्षा करें 

हरे-भरे पेड़ों को बचाने के लिए सतर्क रहें। अनूप मिश्रा के अनुसार, पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए स्थानीय समुदाय को जागरूक और सक्रिय होना चाहिए। जितने अधिक पेड़ संरक्षित रहेंगे, उतना ही हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहेगा।

बच्चों को प्रेरित करें 

बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा देना आवश्यक है। अनूप मिश्रा का अनुभव है कि बच्चे इस दिशा में सबसे अच्छे सहयोगी हो सकते हैं। अगर उन्हें छोटी उम्र से ही पर्यावरण के महत्व के बारे में बताया जाए, तो वे इस मुहिम में लंबी अवधि तक सक्रिय रहेंगे।

जनभागीदारी के कार्यक्रमों में हिस्सा लें 

“ग्रीन एंड क्लीन उन्नाव” जैसे अभियानों से जुड़ें और उनके आयोजनों में भाग लें। इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर आप पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपने प्रयासों को बढ़ा सकते हैं और अन्य लोगों को भी प्रेरित कर सकते हैं।

अनूप मिश्रा का संदेश स्पष्ट है: “वृक्ष रक्षा से ही जन सुरक्षा है।” अगर हम सब मिलकर पर्यावरण की रक्षा करेंगे, तो हमारा भविष्य सुरक्षित रहेगा। उनकी अपील है कि हर व्यक्ति इस महान कार्य में योगदान दे, चाहे वह छोटा हो या बड़ा। अगर हम सब मिलकर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए खड़े होंगे, तो एक स्वच्छ, हरित और सुरक्षित भविष्य का निर्माण संभव है।

आइए, हम सब अनूप मिश्रा के इस अभियान में शामिल होकर इसे एक व्यापक जनांदोलन बनाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए हम एक हरा-भरा और स्वच्छ वातावरण छोड़ सकें।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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