जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़ के शिब्ली नेशनल कॉलेज के प्राचार्य अफसर अली से जुड़ा एक विवाद हाल ही में सुर्खियों में रहा। कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन पर राष्ट्रध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था। इस वीडियो के आधार पर कुछ लोगों ने प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायत भी दर्ज कराई थी।
इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय से जांच के आदेश जारी हुए, जिसे जिलाधिकारी कार्यालय ने आजमगढ़ के एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल को सौंपा। सोमवार को समाचार पत्रों में इस मामले में प्राचार्य अफसर अली को क्लीन चिट मिलने की खबर प्रकाशित हुई। जब इस संदर्भ में प्राचार्य अफसर अली से बात की गई, तो उन्होंने बड़े ही स्पष्ट शब्दों में कहा कि, “राष्ट्रभक्ति हमारे खून में है, और तिरंगा हमें जान से भी प्यारा है।” उन्होंने आगे कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप द्वेषपूर्ण हैं और उन्होंने कभी सपने में भी तिरंगे का अपमान करने की बात नहीं सोची।
प्राचार्य अफसर अली ने इस बात का भी खुलासा किया कि कुछ समय पहले उन पर अनैतिक रूप से लाभ देने का दबाव बनाया गया था। उन्होंने स्पष्ट रूप से कह दिया था कि उनके हाथ में ऐसी चीजें नहीं हैं और वे कोई अनैतिक कार्य नहीं करेंगे। उन्होंने संबंधित लोगों से प्रक्रिया में भाग लेने की सलाह दी थी, और योग्य होने पर चयन की संभावना बताई थी। लेकिन जब चयन नहीं हुआ, तो क्षुब्ध होकर कुछ लोगों ने उनके खिलाफ द्वेषपूर्ण आरोप लगाना शुरू कर दिया।
अफसर अली ने कहा, “हम ऊपर वाले से प्रार्थना करते हैं कि ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दे और उन्हें सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा मिले।” उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें जांच रिपोर्ट के बारे में अखबारों के माध्यम से जानकारी हुई है और राष्ट्रध्वज का अपमान करने का आरोप पूरी तरह निराधार है।
उन्होंने अंत में कहा कि वे राष्ट्रभक्ति में विश्वास रखते हैं और उनके लिए तिरंगे का सम्मान सर्वोपरि है।
Author: samachar
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