अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में मंगेश यादव एनकाउंटर मामले को लेकर राज्य की राजनीति गर्मा गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस को कठघरे में खड़ा किया है। हालाँकि, पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने अखिलेश यादव के आरोपों को खारिज करते हुए मंगेश यादव के खिलाफ सबूत पेश किए हैं। पुलिस का दावा है कि मंगेश यादव एक लूट की घटना में शामिल था, और उन्होंने मंगेश की मां और बहन के बयान भी सार्वजनिक किए हैं।
दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी ने पुलिस पर दबाव डालकर वीडियो बनवाने का आरोप लगाया है। सपा का कहना है कि मंगेश यादव के परिवार वालों ने बताया है कि पुलिस ने जबरदस्ती उनसे वीडियो बनवाया, जिसमें झूठे बयान दिए गए हैं। सपा ने दावा किया कि पूरे गांव में यह चर्चा है कि मंगेश यादव को गलत तरीके से अपराधी घोषित कर पुलिस ने एनकाउंटर किया है।
इस मामले को और अधिक गंभीरता मिली जब मंगेश यादव के परिवार ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान मंगेश यादव की मां शीला देवी, पिता राकेश यादव और बहन प्रिंसी यादव ने अखिलेश को पूरी घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2 सितंबर की रात पुलिस मंगेश को घर से उठाकर ले गई थी। परिवार के मुताबिक, पुलिस ने 3-4 सितंबर को घर आकर कहा कि मंगेश से पूछताछ हो रही है और उसे जल्द छोड़ दिया जाएगा, लेकिन 5 सितंबर को मंगेश को कथित रूप से एक फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया।
अखिलेश यादव ने मंगेश यादव के परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया और कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में पुलिस द्वारा लोगों को उठाकर झूठी कहानियां गढ़ी जा रही हैं और निर्दोष लोगों का एनकाउंटर किया जा रहा है। अखिलेश ने इस घटना को सरकार द्वारा पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अत्याचार का एक और उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा अन्याय के खिलाफ आवाज उठाती रही है और इस मामले में भी न्याय की लड़ाई लड़ेगी।
इस घटना के बाद से उत्तर प्रदेश की राजनीति में तनाव बढ़ गया है, और पुलिस के इस कथित एनकाउंटर पर बहस तेज हो गई है।
Author: samachar
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