सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनावों से पहले राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल, विशेष रूप से समाजवादी पार्टी (सपा), एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। इस राजनीतिक संघर्ष के बीच, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरक्षण के मुद्दे को लेकर भाजपा पर कड़ा प्रहार किया है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर एक पोस्ट के जरिए भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा संविधान को बदलने की बात कहकर आरक्षण को अप्रत्यक्ष रूप से नकारने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही, उन्होंने जातीय जनगणना के मुद्दे पर भी भाजपा की आलोचना की। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा समाज-विभाजन की बात कहकर जातीय जनगणना को नकारती है और जन-विरोधी नीतियों को अपने नेताओं से कहलवाती है। जब जनता का विरोध बढ़ता है, तो भाजपा बेशर्मी से अपनी बातों को वापस ले लेती है और दोष दूसरों पर मढ़ देती है।
अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा न तो अपने लोगों की सगी है और न ही जनता की। उन्होंने अलीगढ़ के खैर विधानसभा क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार भाजपा की “खैर” नहीं है, यह दर्शाता है कि जनता भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तैयार है।
उधर, अलीगढ़ के खैर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर सपा को सत्ता का मौका मिलता है, तो वे प्रदेश में दंगा, लूटपाट और अराजकता फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। योगी आदित्यनाथ ने डबल इंजन की सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि यह सरकार बिना किसी भेदभाव के विकास कार्य कर रही है और अराजकता या गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं करेगी।
इस प्रकार, उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों से पहले राजनीतिक माहौल गरमा गया है, जहां भाजपा और सपा के बीच तकरार अपने चरम पर है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."