नौशाद अली की रिपोर्ट
गोंडा। जिले में घाघरा नदी के उफ़ान के कारण करनैलगंज तहसील के अंतर्गत आने वाले 25 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। हालांकि, अभी तक बांध पूरी तरह से सुरक्षित है और किसी प्रकार की गंभीर क्षति की सूचना नहीं है। जिला प्रशासन ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई की है।
डीएम के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार और जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने करनैलगंज तहसील के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने नकहरा गांव सहित कई अन्य प्रभावित गांवों का दौरा किया और स्थानीय ग्रामीणों से बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की।
इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि प्रशासन उनकी हर संभव मदद करेगा और बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
निरीक्षण के दौरान, उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया। प्रशासन द्वारा स्थापित बाढ़ चौकियों और अस्थाई राहत कैंपों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे लगातार प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण करें और स्थिति पर नजर बनाए रखें। बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत सामग्री की आपूर्ति, दवा छिड़काव, और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं का भी ध्यान रखा जा रहा है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, घाघरा नदी का जलस्तर मंगलवार की सुबह खतरे के निशान से 8 सेंटीमीटर ऊपर था। हालांकि, जलस्तर में धीरे-धीरे गिरावट हो रही है, फिर भी ग्रामीणों की कठिनाइयों में कमी नहीं आ रही है।
मंगलवार को गिरिजा और शारदा बैराज का कुल डिस्चार्ज 278,122 क्यूसेक था, जिसमें गिरजा बैराज का डिस्चार्ज 141,702 क्यूसेक और शारदा बैराज का डिस्चार्ज 135,054 क्यूसेक रहा। इसके अलावा, सरयू बैराज का डिस्चार्ज 1,366 क्यूसेक था।
प्रशासन की सक्रियता और तत्परता से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य चल रहे हैं और अधिकारियों द्वारा लगातार स्थिति की निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता पहुंचाई जा सके।
Author: samachar
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