जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़ जिले की साइबर थाना पुलिस ने एक अंतर्राज्यीय साइबर ठग गैंग का भंडाफोड़ करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। यह गैंग जामताड़ा, झारखंड के साइबर अपराधियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी कर रहा था। अभियुक्तों ने फर्जी पते और मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर विभिन्न बैंक खातों से करीब 2 करोड़ 74 लाख रुपये की ठगी की थी।
इस गिरोह के सदस्य फर्जी पते पर बैंक खाते खोलते थे और इन खातों में साइबर फ्रॉड के जरिए प्राप्त धनराशि जमा करते थे। इसके बाद, वे एटीएम कार्ड के माध्यम से पैसे निकालते और अपने हिस्से का 25% कमीशन रखते, जबकि बाकी रकम जामताड़ा गैंग के अन्य सदस्यों के बैंक खातों में भेज दी जाती थी।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 3 मोबाइल फोन, 5 एटीएम कार्ड, 2 पैनकार्ड, 5 आधार कार्ड, विभिन्न बैंक खातों की ट्रांजेक्शन सूची, और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान मोहम्मद फैसल पुत्र मोहम्मद सिराजुद्दीन (निवासी गोठावं, थाना बरदह) और कुलदीप गौतम पुत्र जंत्री (निवासी नंदनगर, थाना निजामाबाद) के रूप में हुई है। पूछताछ में अभियुक्तों ने खुलासा किया कि वे पांच लोगों के साथ मिलकर साइबर फ्रॉड करते थे। इस गैंग का मुख्य लीडर दाऊद और जमीरुद्दीन अंसारी हैं, जो जामताड़ा, झारखंड के रहने वाले हैं। ये लोग उन व्यक्तियों को पैसों का लालच देकर उनका आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज हासिल कर लेते थे, फिर इन दस्तावेजों का उपयोग कर बैंक खाते खोलते थे।
अभियुक्तों ने बताया कि दाऊद ने फैसल के साथ मिलकर कुलदीप और मुन्नी लाल के आधार कार्ड में फर्जी मोबाइल नंबर और पते का फीडिंग कर कई सिम कार्ड और बैंक खाते खुलवाए थे। इन खातों का इस्तेमाल साइबर फ्रॉड के पैसे को इकट्ठा करने और फिर उसे जामताड़ा गैंग के सदस्यों के खाते में ट्रांसफर करने के लिए किया जाता था।
पुलिस अब फरार चल रहे अन्य तीन अभियुक्तों की तलाश में जुटी हुई है। साइबर ठगी के इस मामले में पुलिस द्वारा की जा रही जांच से और भी खुलासे होने की उम्मीद है।
Author: samachar
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