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November 22, 2024 2:27 pm

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कुश्ती जीती,  विनेश हार गई ; कांग्रेसियों ने ओलंपिक से अयोग्य घोषित किए जाने पर फोगाट के समर्थन में आवाज उठाई

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की उम्मीदों को उस वक्त तगड़ा झटका लगा, जब स्टार पहलवान विनेश फोगाट को डिस्क्वॉलिफाई करार दिया गया। विनेश को महिला कुश्ती 50 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट से टकराना था।

कम से कम सिल्वर पक्का कर चुकीं विनेश अब पेरिस से खाली हाथ लौटेंगी। विनेश का पहला ओलंपिक मेडल जीतने का सपना सिर्फ इसलिए टूट गया क्योंकि उनका फाइनल से पहले वजन 100 ग्राम ज्यादा था। भारतीयों के साथ-साथ दुनियाभर में अनेक लोग इस फैसले से हैरान हैं। अमेरिका के ओलंपिक चैंपियन रेसलर जॉर्डन बरोज का तो गुस्सा फूट पड़ा है। उन्होंने इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (आईओसी) को आड़े हाथ लिया है।

जॉर्डन ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कई पोस्ट साझा की और खुलकर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा, ”मुझे नहीं लगता कि हम में से कोई भी समझ सकता है कि विनेश के आज सुबह वजन कम करने के क्या परिणाम होंगे। जब वह आज उठीं तो भारत की पहली महिला ओलंपिक फाइनलिस्ट थीं। कम से कम सिल्वर मेडल कंफर्म था। अब वह बिना मेडल के घर लौटेंगी। भगवान की उनपर कृपा हो। उन्हें आगे बढ़ने के लिए बहुत कुछ सहना होगा। वह इस हफ्ते शानदार नजर आईं और आज पोडियम (मेडल) की हकदार थीं। यह दुखद है।” 

बता दें कि विनेश ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा था।

जॉर्डन ने आगे कहा, ”विनेश आज सिर्फ 100 ग्राम या 0.22 पाउंड वजन से चूक गईं। क्या आप जानना चाहते हैं कि यह कितना होता है? दरअसल, 100 ग्राम वजन 1 साबुन की टिकिया, 1 कीवी, 2 अंडे या 100 पेपर क्लिप जितने घरेलू सामानों के बराबर होता है।” चैंपियन पहलवान ने अन्य पोस्ट में लिखा, ”शायद इस तरह की कहानियां आईओसी को जगा दें। कुश्ती को छह से ज्यादा भार वर्गों की जरूरत है। विश्व स्तरीय प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ तीन कठिन मुकाबलों के बाद किसी भी एथलीट को इस तरह से गोल्ड मेडल की तैयारी में रात नहीं बितानी चाहिए। फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए विनेश ने वजन कम करने की पूरी कोशिश लेकिन हताशा मिली।’’

गौरतलब है कि विनेश का वजन कम करने के लिए कोच और सपोर्ट स्टाफ ने काफी प्रयास किए। विनेश के बाल काटे गए और उनका खून तक निकाला गया। नियमों के दायरे में रहते हुए उनका खून निकाला गया था। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, फाइनल से एक रात पहले विनेश का वजन करीब दो किलोग्राम ज्यादा था। विनेश को अयोग्य करार देने के बाद क्यूबा की पहलवान युसनेलिस गुजमैन लोपेज पेरिस को फाइनल खेलने का मौका मिलेगा। विनेश ने सेमीफाइनल में लोपेज को 5-0 से धूल चटाई थी।

सोशल मीडिया और विपक्ष का एक वर्ग ऐसा है जो विनेश की अयोग्यता को लेकर कॉन्सिपिरेशी थ्योरी पेश कर रहा है। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा- बहादुर विनेश ने सत्ता से लड़ाई लड़ी, उसे न्याय मिलना चाहिए। 

कुछ गड़बड़ है। बहुत गड़बड़ है। सच्चाई सामने आनी चाहिए। इस स्टोरी में हेल्थ एक्सपर्ट और कुश्ती कोच से जानते हैं कि विनेश के वजन बढ़ने में कितनी साजिश हे और क्या है हकीकत, इसे समझते हैं।

साजिश के आरोप, मैच के बाद 2 किलो कैसे बढ़ा वजन

विनेश के समर्थन में सोशल मीडिया पर एक धड़ा बार-बार यह सवाल उठा रहा है कि 12 घंटे में खासकर पहला मैच जीतने के बाद उनका वजन तय सीमा से 2 किलो ज्यादा कैसे बढ़ गया। यानी शाम तक विनेश का वजन 52 किलो से ज्यादाचुका था। ओलंपिक में विनेश ने छह अगस्त की रात को महिला कुश्ती के 50 किलोग्राम के भार वर्ग मुकाबले में क्यूबा की पहलवान को शिकस्त दी थी। इसके बाद विनेश की तरफ से गोल्ड या सिल्वर मेडल जीतने की उम्मीद बंध गई थी। 

जकार्ता एशियाई खेलों में भी विनेश का बढ़ा था वजन

अंतरराष्ट्रीय महिला कुश्ती में देश को सिल्वर मेडल दिलाने वालीं शिवानी पंवार और अर्जुन अवॉर्डी दिव्या काकरान जैसी एथलीट्स के इंटरनेशनल कोच रहे विक्रम सोनकर के अनुसार, 2018 में भी जकार्ता में हुए एशियाई खेलों के वक्त भी विनेश फोगाट का वजन 3-3.5 किलो बढ़ गया था। उस वक्त भी विनेश 50 किलोग्राम की फ्री स्टाइल रेसलिंग में हिस्सा ले रही थीं। उस वक्त भी उनके कोच ने उन्हें कंबल ओढ़ाकर रेसलिंग हॉल के भीतर खूब दौड़ाया था, जिससे जमकर पसीना निकला था। हालांकि, उस वक्त उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था।

विक्रम सोनकर पुरानी दिल्ली स्थित गुरु प्रेमनाथ अखाड़े में लड़के-लड़कियों दोनों को ही कुश्ती के दांव-पेंच सिखाते हैं। इस अखाड़े को स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) ने अडॉप्ट भी किया हे। उनके अनुसार, विनेश के साथ साजिश की बात कहना बेकार की बात है। ओलंपिक के नियम सबको पहले से पता होते हैं। वजन बढ़ने से लेकर हर चीज का ख्याल रखा जाता है। विनेश का ध्यान रखने वाली टीम को भी यह चीज अच्छे से पता होती हे कि उनका एक भी गलत कदम उन्हें प्रतिस्पर्धा से बाहर कर सकता है।

विनेश अपना वजन 56-57 किलो से घटाकर 50 किलो पर लाई थीं

सोनकर कहते हें कि विनेश क्या किसी भी खिलाड़ी का वजन कभी भी बढ़ सकता है। इसके पीछे खान-पान से लेकर कई कारण हो सकते हैं। विनेश तो 53 किलो के वर्ग में खेलती थीं। पेरिस ओलंपिक के लिए वह अपना वजन 50 किलो से नीचे लाने में कामयाब रही थीं। इसीलिए उन्होंने इसी कैटेगरी में खेलने का फैसला किया था। वह अपना वजन 56-57 किलो से घटाकर 50 किलो से नीचे लेकर आई थीं। ऐसे में जरा सी भी चूक से वजन रातोंरात बढ़ सकता है। यह एक सामान्य सी प्रक्रिया है। जरा सा भी कुछ खाया-पिया या पानी भी पिया तो 2-3 किलो वजन बढ़ सकता है।

क्यों 50 किलो की कैटेगरी में खेलने पर मजबूर थीं विनेश

सोनकर के अनुसार, विनेश ने 2016 के रियो ओलंपिक में 48 किलोग्राम वर्ग में हिस्सा लिया था। 2018 में उन्होंने जकार्ता एशियाई गेम्स में 50 किलो वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था। 2019 में विनेश ने विश्व चैंपियनशिप में 53 किलो वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता। 

वजन कैटेगरी में लगातार बदलाव भी विनेश के पेरिस ओलंपिक से बाहर होने की एक बड़ी वजह बना। इसके अलावा, 2023 की विश्व चैंपियनशिप में अंतिम पंघाल ने 53 किलो वर्ग में ब्रॉन्ज जीता था। उसी वक्त पेरिस ओलंपिक में 53 किलो वर्ग में अंतिम पंघाल को खेलने की मंजूरी दे दी थी। 

अब विनेश के लिए दो ही रास्ते थे-वो या तो 50 किलो वर्ग में खेलें या फिर 57 किलो वर्ग में। ऐसे में विनेश ने 50 किलो वर्ग में खेलने का फैसला किया। ऐसे में उन्हें अपने 50 किलो की कैटेगरी में खुद को बनाए रखने के लिए वजन घटाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

विनेश फोगाट को न्याय दिलाने की कांग्रेसियों ने की मांग

ओलंपिक खेल में भारत की पहलवान विनेश फोगाट को वजन अधिक होने के कारण प्रतियोगिता से बाहर करने से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने न्याय दिलाने की मांग को लेकर देवरिया में राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से  जिलाध्यक्ष रामजी गिरि के नेतृत्व में जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में अपर जिलाधिकारी प्रशासन गौरव श्रीवास्तव को सौंपा।

इस दौरान जिलाध्यक्ष रामजी गिरि ने कहा कि इस ओलंपिक खेल में विनेश फोगाट ने जिस बहादुरी के साथ लड़कर ओलपिंक चैंपियन पहलवान सहित कई पहलवानों को हराकर फाइनल में पहुंचकर भारत के लिए स्वर्ण पदक विजेता बनने का काम करने वाली थी कि उसके साथ मात्र 100 ग्राम वजन बढ़ने के कारण उसे प्रतियोगिता से ही बाहर कर दिया गया। यह घोर निंदा करने वाली बात है, हम कांग्रेस जन विनेश फोगाट को पदक दिलाने की मांग करते हैं। 

ज्ञापन सौंपने वालों में मुकुन्द भाष्कर मणि त्रिपाठी, नागेन्द्र शुक्ल, दीनदयाल यादव, सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी, समीर पाण्डेय, आलोक त्रिपाठी राजन,सुनील द्विवेदी, विजय बहादुर सिंह, सत्यप्रकाश मिश्र, अंशु,उत्तेज मिश्र, प्रेमलाल भारती,प्रेम प्रजापति, धर्मेन्द्र पाण्डेय, सच्चिदानंद मिश्र, मनोज मणि त्रिपाठी आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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